#HEALTH : पेनकिलर की ओवरडोज से और भी बढ़ जाती है ये हैल्थ प्रॉब्लम्स
भागदौड़ और कामकाज में व्यस्त जिंदगी में सिर दर्द, बदन दर्द या हल्का-फुल्का बुखार होना आम बात है। कई बार कुछ लोग रूटीन की इन समस्याओं को आम समझ कर रोजाना पेनकिलर लेने लगते हैं। इससे उस समय दर्द से तो राहत मिलती ही है लेकिन क्या आप जानते हैं रोजाना पेनकिलर लेने से भी सेहत को नुकसान होता है? यही पेनकिलर बड़ी बीमारियों का कारण बनती है। जरूरत से ज्यादा पेनकिलर लेना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।आज हम आपको ऐसी खतरनाक बीमारियों के बारे बताएंगे, जिनका पेनकिलर लेने से खतरा बढ़ जाता है।
आइए जानिए पेनकिलर लेने से शरीर के किन हिस्सों को कितने प्रतिशत खतरा बढ़ जाता है
हार्ट अटैक का खतरा
दिल के रोगियों के लिए अपनी मरजी से पेनकिलर लेना मृत्यु का जोखिम बढ़ा सकता है। शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि इबूप्रोफेन पेनकिलर लेने से लोगों में मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। अगर हार्ट अटैक के मरीज इसका सेवन करते हैं तो इसे खाने के बाद उनमें 59% खतरा बढ़ जाता है।
सिरदर्द और फ्लू
लोग सिर दर्द का कारण बिना जानें ही पैरासिटामोल, एस्प्रिन और नॉन स्टीरॉइडल एंटी-इनफ्लेमेटरी ड्रग जैसे कि इबूप्रेन की ओवरड़ोज खाने लगते हैं। कुछ समय बाद ऐसे लोगों का सिर दर्द और भी बढ़ने लगता है। ऐसे ही फ्लू फीवर को ठीक करने के लिए जो लोग पेनकिलर लेते हैं, उनमें फ्लू बढ़ने के 5% चांस और बढ़ जाते हैं। इसी तरह की पेनकिलर लेने से लोगों में किडनी फेलियर के मामले भी बढ़ते जा रहे हैंय़ आप जो भी मेडिसिन खाते हैं वो खून में मिल जाती है और फिर किडनी से फिल्टर होने के बाद ही शरीर से निकलती है। इसके दौरान ड्रग किडनी तक हो रहे खून के बहाव को प्रभावित करता है, जिससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। इन दवाओं को खाने से लोगों में 20% से ज्यादा किडनी फेलियर को मामले सामने आते हैं।
तनाव
तनाव का एक कारण पेनकिलर भी हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर कोई ओपिऑड जैसे पेनकिलर का लंबे समय से सेवन करता है तो उनमें डिप्रेशन का खतरा 53% बढ़ जाता है।
किडनी को नुकसान
किडनी को नुकसानइसी तरह की पेनकिलर लेने से लोगों में किडनी फेलियर के मामले भी बढ़ते जा रहे हैंय़ आप जो भी मेडिसिन खाते हैं वो खून में मिल जाती है और फिर किडनी से फिल्टर होने के बाद ही शरीर से निकलती है। इसके दौरान ड्रग किडनी तक हो रहे खून के बहाव को प्रभावित करता है, जिससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है। इन दवाओं को खाने से लोगों में 20% से ज्यादा किडनी फेलियर को मामले सामने आते हैं।