#MaheshNavami : होगी व्यापार में उन्नति , मिलता है सुखमय जीवन…
#MaheshNavami : ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी के तौर परमनाया जाता है। इस वर्ष यह 11 जून दिन मंगलवार को है। आज देशभर में माहेश्वरी समाज महेशनवमी धूमधाम से मना रहा है।
माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन ही भगवान शिव के आशीर्वाद से माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई। भगवान शिव का दूसरा नाम महेश भी है, इसलिए इसेमहेश नवमी के नाम से जाना गया।
शिवलिंग की पूजा का महत्व
- भगवान शिव और माता पार्वती की इस दिन विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।
- शिवलिंग परभस्म से त्रिपुंड लगाया जाता है, जो त्याग व वैराग्य का सूचक है।
- इसके अलावा त्रिशूल का विशिष्ट पूजन किया जाता है।
- शिव पूजन में डमरू बजाए जाते हैं। इस दिन कमल पुष्पों से भगवान शिव की पूजा होती है।
- दोनों के पूजन से व्यक्ति को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
- शिवलिंग का पूजन करने से व्यापार में उन्नति होती है।
कथा
ऐसी मान्यता है कि माहेश्वरी समाज के पूर्वज क्षत्रिय थे और वे ऋषियों के श्राप से शापित थे। उन लोगों ने भगवान शिव और माता पार्वती को अपनी तपस्या से प्रसन्न किया, जिसके परिणाम स्वरूप भगवान महेश ने उनको शाप मुक्त किया, साथ ही उनको अहिंसा का मार्ग अपनाने को कहा। उनके नाम से ही यह समुदाय ‘माहेश्वरी’ कहलाया। भगवान शिव की आज्ञा से माहेश्वरी समाज व्यापारिक कार्य से जुड़ गया।