अक्षय तृतीया पर बना दुर्लभ संयोग, जानें-किस मुहूर्त में #लक्ष्मी पूजन है बेहद शुभ
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया से सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ माना जाता है. बता दें, मां मातंगी देवी और भगवान परशुराम का अवतरण भी अक्षय तृतीया को ही हुआ था. खास बात यह है कि भगवान विष्णु ने हयग्रीव और नर-नारायण का अवतार भी इसी तिथि को लिया था. यही वजह है कि यह तिथि भारतीय संस्कृति की सर्वोत्तम मुहूर्त का निर्माण करती है.
इस बार अक्षय तृतीया पर बुधादित्य योग के साथ सूर्य चंद्र और शुक्र का उत्च राशियों में होना विशेष फलदायी योग बनाता है.
पूजा का शुभ मुहूर्त
- अक्षय तृतीया के दिन विशेष पूजा अर्चना और अनुष्ठानिक मुहूर्त का समय सुबह सूर्योदय से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है.
- सूर्योदय का समय अपने-अपने शहर के अनुसार देख लें. उदाहरण के लिए नई दिल्ली में सूर्योदय का समय 7 मई 2019 को सुबह 5 बजकर 36 मिनट है.
मंगल कार्य के लिए शुभ मुहूर्त
- अक्षय तृतीया के दिन कीमती वस्तुओं के क्रय-विक्रय और विभिन्न मांगलिक कार्यों को करने के लिए सूर्योदय से रात्रि 2 बजकर 16 मिनट तक का समय है.
- अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त है. विवाहादि मांगलिक कार्यों को करने के लिए यह दिन विशेष शुभ माना जाता है.
- इस दिन की गई यंत्र स्थापना दीर्घकालतक स्थिर रहती है.
- इस दिन लिए गए सभी संकल्प पूर्ण होते हैं.
- खास बात यह है कि इस दिन किया गए दान का पुण्य अक्षय रहता हैं.
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