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2015 की टीचर्स भर्ती को रद, शिक्षकों को मिला स्टे
Chandigarh
काफी समय के इंतजार के बाद आखिरकार चंडीगढ़ प्रशासन ने 2015 की टीचर्स भर्ती को रद कर दिया है। इससे शहर के 115 सरकारी स्कूलों में कार्यरत 850 टीचर्स की नौकरी चली गई। यूटी के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने भर्ती रद करने करने के आदेश जारी किए। उसके बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट ने सभी टीचर्स को बर्खास्त करने के आधिकारिक आदेश प्रिंट कर डिस्पैच के लिए लैटर तैयार किए। वीरवार को जैसे ही यह लैटर टीचर्स को मिले तो हड़कंप मच गया। टीचर्स ने कैट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद उन्हें स्टे मिल गया है। वहीं शिक्षा सचिव बीएचल शर्मा ने कहा कि हम इसको लेकर लीगल ओपीनीयन लेंंगे कि किस आधार पर यह स्टे दिया गया है।
शिक्षा विभाग की ओर से रद इस परीक्षा को लेकर अफसरों ने रणनीति बना ली है। इस परीक्षा को फिर से कराया जाएगा। परीक्षा में वह सब लोग शामिल हो सकते हैं जिन्होंने पहले फॉर्म भरा था। साथ ही जिन लोगों की नौकरी लगी थी अगर वह इस परीक्षा में पास होते हैं तो उन्हें प्राथमिकता भी दी जा सकती है। अफसरों का कहना है कि तीन साल के बाद काफी सोच विचार करके यह फैसला लिया गया है।
यह है मामला
यूटी शिक्षा विभग में वर्ष 2016 में 1150 जेबीटी और टीजीटी की गई थी। इसके बाद पंजाब विजिलेंस जांच में सामने आया था कि के लिए लिखित परीक्षा से तीन दिन पहले ही पेपर परीक्षार्थियों के हाथों में था। इसके लिए दलालों ने परीक्षार्थियों से सात-सात लाख रुपये लिए थे। पंजाब विजिलेंस की पूछताछ में आरोपी दिनेश यादव ने कबूला था कि टीचर भर्ती घोटाले में धांधली हुई है। इसके बाद पंजाब विजिलेंस ने एक रिपोर्ट बनाकर यूटी प्रशासन और पुलिस को भेजी थी और मामले की छानबीन करने को कहा था।
शिक्षक भर्ती घोटाले के सामने आने पर यूटी पुलिस ने एसआईटी गठित की थी। इसका नेतृत्व एसपी रवि कुमार को दिया गया था। यूटी पुलिस ने 29 जुलाई 2016 को इस मामले में केस दर्ज किया था। एसआईटी ने सबसे पहले पंजाब विजिलेंस से गिर तार किए गए आरोपी दिनेश कुमार यादव और प्रदीप लोचन को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर उसका चार दिन का रिमांड लिया था। इसके बाद पुलिस टीम ने एक नवंबर को सह आरोपी सोनीपत निवासी बृजेंद्र नैन को •िावानी से गिर तार किया था। इसके बाद एसआईटी ने कई अन्य आरोपियों को गिर तार किया। इनमें कई सरकारी स्कूलों में टीचर भी शामिल हैं। 17 मई को पंजाब पुलिस ने तेलंगाना पुलिस के साथ मिलकर संजय श्रीवास्तव उर्फ मिथिलेश पांडे और शिव बहादुर को गिर तार किया था।
17 आरोपी हैं घोटाले में
चार्जशीट के मुताबिक दिनेश यादव, प्रदीप लोचव, बिजेंद्र नैन, संपूर्ण सिंह, संदीप, देविंदर, सुशीला राणा, सचिन हुड्डा, सतिंदर हुड्डा, रविंदर बनिया, नरिंदर मलिक, नवीन, शैलेश सिंह, शिव बहादुर, संजय कुमार श्रीवास्तव उर्फ मिथलेश पांडे उर्फ गुरुजी, ललित कुमार और सुखप्रीत सिंह आरोपी हैं।
केस में 66 गवाह
पुलिस ने केस में 17 आरोपियों के खिलाफ 66 गवाह बनाए हैं। इनमें सबसे अहम गवाहों में से एक पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के डायरेक्टर सुरजीत सिंह हैं। इसके अलावा यूटी शिक्षा विभ।ग से रजिस्ट्रार एजुकेशन डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन जसवीर सिंह, सुपरिंटेंडेंट आफिस रजिस्ट्रार डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन उमेश कुमार शामिल हैं। इसके अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी के कई अधिकारी शामिल हैं। वहीं केस में यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आॅफ एप्लाइड साइंस चंडीगढ़ के चीफ कंट्रोलर आरके शर्मा को गवाह बनाया है। वहीं दिल्ली मायापुरी स्थित जिस प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक हुए थे उसके कुछ कर्मियों को भी गवाह बनाया गया है।
रेलवे, मेडिकल के अलावा कई परीक्षाएं कर चुके हैं लीक
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार जेबीटी घोटाले के मास्टरमाइंड संजय श्रीवास्तव उर्फ गुरुजी और शिव बहादुर के खिलाफ सबसे पहले लखनऊ में रेलवे पेपर लीक मामले में 2006 में केस दर्ज हुआ था। दोनों को पुलिस ने गिर तार किया था। इसके बाद इनके साथ शैलेश जुड़ गया। शैलेश शिव बहादुर का रिश्तेदार है। उसी ने गुरुजी से उसे मिलवाया था। शैलेश के खिलाफ चंडीगढ़ के अलावा पंजाब में चार और हैदराबाद में एक एफआईआर दर्ज है, जबकि शिव बहादुर के खिलाफ यूपी में एक, पंजाब में चार और हैदराबाद में एक समेत 6 एफआईआर दर्ज हैं। वहीं मास्टरमाइंड गुरुजी पर यूपी में एक, पंजाब में चार और हैदराबाद में एक एफआईआर दर्ज हैं। वहीं जांच के दौरान इनके तार व्यापम घोटाले से जुड़े सामने आए हैं।
टाइम लाइन
- पंजाब विजिलेंस की रिपोर्ट पर जांच के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने 29 जुलाई 2016 को केस दर्ज किया।
- 04 नवंबर 2016 को एसआईटी ने आरोपी दबोचा
- 17 मई 2017 को संजय श्रीवास्तव उर्फ गुरुजी और शिव बहादुर को पंजाब पुलिस ने तेलंगाना से गिर तार किया
- 7 जुलाई 2017 को चंडीगढ़ पुलिस गुरुजी और श्वि बहादुर को पटियाला जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई
- 15 जुलाई 2017 को पुलिस ने गुरुजी और श्वि बहादुर को न्यायिक हिरासत में
- 7 अक्तूबर 2017 को गुरुजी को मिली जमानत
- 22 जनवरी जेबीटी घोटाले में चालान दायर
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