2025 will be the hottest year: देश में इस बार उम्मीद से कहीं ज्यादा गर्मी पड़ने वाली है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस साल देश के नॉर्थ-वेस्ट राज्यों यानी हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, दिल्ली में हीटवेव (लू) के दिनों की संख्या दोगुनी होनी की आशंका है। 2025 will be the hottest year
मार्च में चलने लगी लू, मई जैसी तपिश, पारा 40 डिग्री के करीब
सीएम के आदेश बाद भी गर्मी से निपटने का कोई इन्तजाम नहीं
2024 सबसे ज्यादा गर्म सालों में से एक
भारत के लिए साल 2024 सबसे ज्यादा गर्म सालों में से एक रहा था। बीते साल देश में 554 दिन हीटवेव का असर रहा था। आमतौर पर अप्रैल से जून के महीनों में लगातार 5-6 दिन लू चलती है, लेकिन इस बार 10 से 12 दिनों के ऐसे कई दौर आ सकते हैं। WEATHER NEWS
सबसे गर्म साल होगा 2025
हालांकि, मौसम विभाग ने यह जानकारी नहीं दी कि इस साल हीटवेव का असर कितने दिन रहेगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हीटवेव के दिनों की संख्या दोगुनी होती है तो 2025 अब तक का सबसे गर्म साल होगा। ऐसे में पारा सामान्य से 5 डिग्री या इससे भी ज्यादा रह सकता है।
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किस दिन को माना जाता है हीटवेव
मैदानी, पहाड़ी और तटीय इलाकों के लिए हीटवेव की स्थिति तय करने का आधार अलग होता है। किसी दिन हीटवेव का असर तब माना जाता है जब उस दिनों के मौसम का तापमान सामान्य से 5°C ज्यादा हो या…
पहाड़ी इलाका- अधिकतम तापमान 30°C से ऊपर हो।
तटीय इलाका- अधिकतम तापमान 37°C से ऊपर हो।
मैदानी इलाका- अधिकतम तापमान 40°C से ऊपर हो।
अगर तापमान सामान्य से 6.5°C या उससे ज्यादा बढ़ जाए तो उसे गंभीर हीटवेव माना जाता है। IMD ने इस साल देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान लगाया है।
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हीटवेव बढ़ने की बड़ी वजह
मौसम विभाग के मुताबिक, हीटवेव के दिन बढ़ने के पीछे की वजह अल-नीनो परिस्थितियां है। प्रशांत महासागर के पानी के असामान्य रूप से गर्म होने से अल-नीनो परिस्थितियां बनती हैं।
इससे भारत में बारिश में कमी आती है और गर्मी का असर तेज होता है। इस साल अल-नीनो का सबसे खराब दौर ढाई महीने तक चलेगा, जो जून में खत्म होगा।
इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन भी इसकी एक बड़ी वजह होती है। इसके चलते लू ज्यादा दिनों तक चलती है, जिससे हीटवेव की तीव्रता और अवधि बढ़ जाती है।
अभी देश के 8 राज्यों में तापमान 40 डिग्री से ज्यादा
मौसम विभाग के मुताबिक, देश के 8 राज्यों का तापमान अभी 40 डिग्री से ज्यादा चल रहा है। मार्च से ही कई राज्यों में हीटवेव जैसी स्थितियां बनने लगी है। अगले कुछ दिनों में उत्तर भारत में गर्मी और बढ़ सकती है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में तापमान 1-2 डिग्री तक बढ़ सकता है।
हालांकि, उत्तर-पश्चिमी हवाओं यानी जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में अगर बारिश या बर्फबारी हुई तो तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट हो सकती है। वहीं पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अगले तीन दिनों तक हवाएं चलेंगी, जिससे मौसम सूखा और धूलभरा रहेगा।
देश में गर्मी के मौसम को 3 हिस्सों में बांटा जा सकता है…
प्री समर: मार्च और अप्रैल में गर्मी की शुरुआत होती है। अप्रैल के पहले सप्ताह से लू चलने के साथ ही गर्मी की शुरुआत मानी जाती है।
पीक समर: मई और मध्य जून में गर्मी पीक पर होता है। इस समय सूर्य भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ता है, जिससे पूरे देश में गर्मी तेजी से बढ़ने लगती है।
पोस्ट समर: जून के आखिरी सप्ताह से गर्मी थोड़ी कम होने लगती है। जैसे-जैसे मानसूनी हवाएं देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाती है, लोगों को गर्मी से राहत मिलती है। कई बार मानसून चक्र में बदलाव की वजह से जुलाई महीने में भी भीषण गर्मी पड़ती है।
इस साल 3 गुना ज्यादा हीटवेव
देश के कई राज्य गर्मी से उबल रहे हैं। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, UP, गुजरात और राजस्थान में 17 मई से लगातार हीटवेव की स्थिति बनी हुई है। नॉर्थ-वेस्ट और सेंट्रल इंडिया में अगले 4-5 दिन अधिकतम तापमान सामान्य से 2-3 डिग्री ऊपर रहने की आशंका है।