#HEALTH : डायबिटीज में क्या खाएं और क्या न खाएं
#HEALTH : शुगर या मधुमेह दुनियाभर में आम बीमारियों में से एक बन गया है. इसे मरीज़ के ब्लड शुगर के स्तर के आधार पर पहचाना जाता है. हालांकि इसे पूरी तरह से ठीक करना आसान नहीं है, लेकिन अपनी डाइट में कुछ परिवर्तन करने से इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. खून में अगर शुगर लेवल बढ़ा हो तो ऐसे फलों का इस्तेमाल करना लाभदायक होता हैजिनमें फाइबर की मात्रा ख़ूब हो. खूब सारा पानी पीना भी शुगर लेवल को ठीक रखने में मदद करता है. शुगर लेवल को ठीक रखने के लिए ऐहतियात बरतनी बहुत ज़रूरी होती है. ऐसा माना जाता है कि जंक फूड और ट्रांस फूड के कम सेवन से शुगर लेवल को ठीक रखा जा सकता है, और ये कुछ हद तक ठीक भी है.शुगर लेवल से जुड़ी कुछ जाकनारियां ऐसी भी हैं जो भ्रम पैदा करने वाली हैं. हालांकि संतुलित भोजन शुगर के मरीजों के लिए नुकसानदायक नहीं है बशर्ते आप ऐसे फूड का ज़्यादा सेवन न करने लगें जो आपकेब्लड शुगर लेवर पर बुरा प्रभाव डालते हैं.
डायबिटीज में क्या खाएं और क्या न खाएं
डायबिटीज के मरीज न खाएं आलू
आलू एक ऐसी सब्जी है जो हर घर में खूब पाया जाता है, हर सब्जी की ग्रेवी में आलू का इस्तेमाल देखने को मिलता ही है. यहां तक कि पुलाव और रायते में भी आलू डाला जाता है. आलू जहां एक ओर स्किन के लिए अच्छा होता है वहीं इसमें विटमिन सी, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन बी, कॉपर, ट्रायप्टोफान, मैंगनीज, और ल्यूटिन का भी खूब होता है. लेकिन इतनी ख़ासियतों के बावजूद शुगर पेशेंट्स के लिए ये नुकसानदायक होता है. इसमें हाई कार्बोहाइड्रेट के साथ ही ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा भी ज़्यादा होती है जो कि आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है.
डायबिटीज के मरीज न खाएं किशमिश
कंसल्टेंड न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर रुपाली दत्ता कहती हैं कि शुगर के मरीजों को ड्राई फ्रूट्स को अवॉइड करना चाहिए. क्योंकि ये ताज़ा फलों का कांसन्ट्रेटिड फॉर्म होता है जिस वज़ह से इनमें फ्रूट्स के गुणों की मात्रा ज़्यादा बढ़ जाती है. उदाहरण के तौर पर समझने की कोशिश करें तो एक कप अंगूर में जहां 27 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है तो वहीं 1 कप किशमिश में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बढ़कर 115 ग्राम तक हो जाती है. ऐसे में किशिमिश का इस्तेमाल शुगर लेवल को बढ़ा सकता है.
डायबिटीज के मरीज न खाएं तरबूज
मैक्रोबायोटिक न्यूट्रिशनिस्ट शिल्पा अरोरा कहती हैं कि शुगर के मरीजों के लिए वॉटर मैलन यानी तरबूज का ज़्यादा इस्तेमाल ख़तरनाक साबित हो सकता है. इसकी वज़ह से खून में शुगर की मात्रा बढ़ने की गुंजाइश होती है. ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो सकती है. तरबूज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 72 होता है जो कि ज़्यादा है. ऐसे में कोशिश करें कि ज़्यादा तरबूज के इस्तेमाल से बचें.
डायबिटीज के मरीज न खाएं आम
बैंग्लौर की न्यूट्रिशनिस्ट अंजू शूद कहती हैं कि शुगर के मरीज़ों के लिए ऐसे फ्रूट्स को नज़रअंदराज़ करना फायदे का सौदा होता है जिनमें शुगर का कंटेन्ट ज़्यादा होता है. वैसे तो सभी फ्रूट्स में प्राकृतिक रूप से शुगर होता ही वहीं आम में इसकी मात्रा ज़्यादा होती है. ऐसे में इसे भी अपनी डाइट से दूर रखना बेहतर साबित होता है.
डायबिटीज के मरीज न खाएं चीकू
न्यूट्रिशनिस्ट रुपाली दत्ता के मुताबिक डायबिटीज या शुगर पेशेंट के लिए ज़रूरी है कि वो चीकू को अपनी डाइट से दूर रखें. ये बेहद मीठा होता है साथ ही इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बढ़ा हुआ होता है. इस वज़ह से ये शुगर पेशेंट्स के लिए सही नहीं है.
फ्रूट जूस पहुंचा सकते हैं नुकसान
फ्रूट जूस की अपेक्षा ताज़ा फलों को अपनी डाइट में जगह दे सकते हैं. फ्रूट्स में जहां फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, लेकिन फ्रूट जूस में फाइबर की मात्रा कम हो जाती है. पैक्ड जूस में फ्रुक्टोज अच्छी मात्रा में होता है जो आपके शुगर लेवल को बढ़ा सकता है.
फुल फैट मिल्क भी है नुकसानदायक
कई सारे पोषक तत्वों से भरे दूध सभी व्यक्तियों को को डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है, लेकिन शुगर के मरीज़ों को फुल फैट मिल्क से बचना चाहिए. इसके अंदर फैट की मात्रा ज़्यादा होती है. ये फैट इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा सकता है. इसकी जग़ह आप लो फैट दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं.
शुगर के मरीज़ों के लिए सबसे ज़्यादा कंफ्यूजन केले को लेकर होता है. केले में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है इस वज़ह से इसको लेकर हमेशा भ्रम की स्थिति बनी रही है. लेकिन सच ये है कि केले में मौजूद कार्बोहाइड्रेट अच्छे प्रकार का होता है. इसमें फाइबर भी होता, जो ब्लड में शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकता है. ज्यादा पके हुए केले जिसमें भूरे रंग के धब्बे ज़्यादा होते हैं उसमें शुगर लेवल ज्यादा होता है जबकि कम पके केले में कम. केले को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार सलाह ले सकते हैं.