Advertisements
जानें, कब है मोहिनी #एकादशी और क्या है इसका महत्व
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इसी दिन भगवान श्री हरि विष्णु ने समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को दानवों से बचाने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था. मोहिनी एकादशी का व्रत विधान करके व्यक्ति में आकर्षण और बुद्धि बढ़ती है, जिससे व्यक्ति बहुत ज्यादा प्रसिद्धि पाता है. इस बार मोहिनी एकादशी 15 मई को है.
बच्चों को बुद्धि का वरदान
- मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पीले फल फूल और मिष्ठान से पूजा-अर्चना करें.
- 11 केले और शुद्ध केसर भगवान विष्णु को अर्पण करें.
- एक आसन पर बैठकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करें.
- जाप के बाद केले का फल छोटे बच्चों में बाटें और केसर का तिलक बच्चों के माथे पर करें.
बढ़ेगा आपका आकर्षण
- मोहिनी एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें.
- दाएं हाथ से पीले फल-फूल नारायण भगवान को अर्पण करें और गाय के घी का दीया जलाएं.
- अब किसी आसन पर बैठकर नारायण स्तोत्र का तीन बार पाठ करें.
- एकादशी के दिन से लगातार 21 दिन तक नारायण स्तोत्र का पाठ जरूर करें.
करें ये महाउपाय
- मोहिनी एकादशी के दिन सुबह के समय जल में हल्दी डालकर स्नान करें.
- अपनी उम्र के बराबर हल्दी की साबुत गांठ पीले फलों के साथ भगवान विष्णु के मंदिर में अर्पण करें.
- विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करें. पाठ के बाद फलों को जरूरतमंद लोगों में बाट दें.
- हल्दी की गांठों को कपड़े में लपेटकर धन रखने के स्थान पर रखें.
Loading...