72 साल पुराना है #Cannes का इतिहास , पहली बार दिखाई गई थी भारत की…
कान्स फिल्म फेस्टिवल 14 मई से एक बार फिर फ्रांस के फ्रेंच रिवेरा में शुरू हो गया है. ये 25 मई तक चलेगा. हर साल होने वाले इस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की पूरी दुनिया में चर्चा है. फेस्टिवल बॉलीवुड एक्ट्रेस की ग्लैमरस एंट्री पूरे देश में चर्चा में रहती है. जानिए इस इंटरनेशनल फेस्टिवल से जुड़े दिलचस्प फैक्ट.
#Cannes में भारत का सफर
फेस्टिवल के इतिहास पर नजर डालें तो इसकी शुरुआत 20 सितंबर 1946 में हुई थी. इस इवेंट में दुनियाभर की चुनिंदा फिल्मों, डॉक्यूमेंट्री को दिखाया जाता है. शुरुआत में फिल्म फेस्टिवल में 21 देशों की फिल्म को दिखाया गया था. कान्स का हिंदुस्तान से खास रिश्ता है. इस कड़ी की शुरुआत 1946 में चेतन आनंद की फिल्म “नीचा नगर” से हुई थी.
नीचा नगर को फेस्टिवल के सबसे सम्मानित Grand Prix award से भी नवाजा गया.
इस अवॉर्ड को अब the Palm d’Or के नाम से जाना जाता है.
1951 में रिलीज हुई राजकपूर की फिल्म अवारा, 1953 में दो बीघा जमीन, 1954 में बूट पॉलिश, 1955 में पाथेर पांचाली, 1965 में गाइड, 1982 में आई खार जी, 1988 में सलाम बॉम्बे, 2010 में आई उड़ान, 2013 में इरफान की लंच बॉक्स को भी यहां सम्मानित किया जा चुका है.
कान्स फेस्टिवल में किसी फिल्म की स्क्रीनिंग भी बहुत मायने रखती है. अब तक कई भारतीय फिल्मों को कांन्स में स्क्रीनिंग करने का मौका मिला चुका है. इन फिल्मों को भले ही अवॉर्ड नहीं मिला. लेकिन जूरी ने खूब सराहा है.
क्यों #Cannes में जाती हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस…
- कान्स में बॉलीवुड एक्ट्रेस रेड कारपेट पर वॉक करने के लिए मशहूर हैं.
- दरअसल कई कॉस्मेटिक ब्रांड इस फेस्टिवल के पाटर्नर हैं.
- इस वजह से कॉस्मेटिक ब्रांड के ब्रांड एम्बेसडर रेड कारपेट पर वॉक करते हुए इसका प्रमोशन करती हैं.
- इन एक्ट्रेसेस में ऐश्वर्या राय, सोनम कपूर, दीपिका पादुकोण, कंगना रनौत का नाम शामिल है.
कई बार फिल्म फेस्टिवल में एक्ट्रेस की ग्लैमरस एंट्री ‘फैशन फॉर रिलीफ’ के माध्यम से पर्यावरण और मानवीय कारणों के लिए फंड जमा करने के लिए भी होती है.
#Cannes से जुड़े कुछ और रोचक तथ्य
साल 1950 में चेतन आनंद इंटरनेशनल ज्यूरी में भारत की तरफ से पहले सदस्य बने थे. साल 1980 में मृणाल सेन को इंटरनेशनल ज्यूरी का सदस्य बनाया गया
साल 2002 में संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म ‘देवदास’ की कान्स फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग हुई और साल 2003 में ऐश्वर्या राय कान्स की इंटरनेशल ज्यूरी में पहली भारतीय महिला सदस्य बनीं.
साल 2006 में तमिल फिल्म Veyil की कान्स में स्क्रीनिंग की गई और यह पहली तमिल फिल्म थी जिसकी कान फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग हुई.
मुरारी नायर की मलयालम फिल्म Marana Simhasanam ने साल 1999 में कैमरा डीओर अवॉर्ड जीता.