ऐसे रखें ध्यान , गर्मी के मौसम में वेस्ट नाइल फीवर का प्रकोप
केरल के मलप्पुरम जिले में हाल ही में सात वर्षीय एक लड़के की मौत वेस्ट नाइल फीवर से हो गई. वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) ने स्पष्ट रूप से लड़के के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित किया, जिससे जटिलताएं हुईं और दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. वेस्ट नाइल वायरस क्यूलेक्स मच्छर फैलाता है, जो गर्मियों में अधिक सक्रिय रहता है.
भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल (एनएचपीआई) के अनुसार, मई 2011 में केरल में तीव्र एंसेफलाइटिस सिंड्रोम के प्रकोप के दौरान, नैदानिक नमूनों में डब्ल्यूएनवी की उपस्थिति की पुष्टि की गई थी. तब से केरल में डब्ल्यूएनवी इंसेफेलाइटिस के मामले नियमित रूप से सामने आते रहे हैं. डब्ल्यूएनवी फैलाने वाला क्यूलेक्स मच्छर गर्मियों में अधिक सक्रिय होता है.
हेल्थ केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि गर्मियों में वेस्ट नाइल बुखार से मच्छर-जनित संक्रमणों का जोखिम बढ़ जाता है, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए. डब्ल्यूएनवी पक्षियों और मच्छरों के बीच संचरण चक्र के जरिए प्रकृति में बना रहता है. इससे मनुष्य, घोड़े और अन्य स्तनधारी भी संक्रमित हो सकते हैं.