आरके स्टूडियो के बाद अब कमालिस्तान स्टूडियो होगा जमीदोज
71 साल पुराने आरके स्टूडियो के बिकने के बाद अब मुंबई में एक और ऐतिहासिक फिल्म स्टूडियो कॉमर्शियल प्रॉपर्टी में तब्दील होने जा रहा है. तकरीबन 60 साल पुराना कमाल अमरोही स्टूडियो जिसे “कमालिस्तान स्टूडियो” के नाम से भी जाना जाता है, जल्द ही कॉमर्शियल प्रॉपर्टी में तब्दील हो जाएगा. कमाल स्टूडियो में हिंदी की कई क्लासिक फिल्मों का निर्माण किया गया है.
विशाल कॉर्पोरेट ऑफिस का निर्माण
रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 15 एकड़ में फैली इस जमीन पर जल्द ही देश का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट ऑफिस तैयार किया जाएगा. इसे तोड़ कर पूरी तरह से यहां नया कंस्ट्रक्शन होगा. कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि डीबी रियलिटी और बेंगलुरु स्थित RMZ कॉर्पोरेशन ने मिलकर इस जमीन को नए सिरे से डेवलप करने का फैसला किया है. पूर्वी उपनगरीय मुंबई क्षेत्र में स्थित यह दूसरा ऐतिहासिक फिल्म स्टूडियो है जिसे बेचा जा रहा है. इससे पहले आरके स्टूडियो बेच दिया गया. कमालिस्तान स्टूडियो की जगह जिस विशाल कॉर्पोरेट ऑफिस का निर्माण किया जाएगा उसका नाम एस्पायर रखा जाएगा.
स्टूडियो की स्थापना
कमालिस्तान स्टूडियो की स्थापना साल 1958 में कमाल अमरोही ने की थी. इस स्टूडियो में महल (1949), पाकीजा (1972) और रजिया सुल्तान जैसी फिल्मों का निर्माण हुआ, जिन्हें आगे चलकर हिंदी सिनेमा की क्लासिक में शुमार किया गया. इस स्टूडियो में अमर अकबर एंथनी और कालिया जैसी फिल्में भी शूट हुई हैं.