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बजट को काफी खास माना जा रहा है
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट 5 जुलाई को संसद में पेश होगा। इस बजट से किसानों, मध्यम वर्ग, महिलाओं, बेरोजगार युवाओं और बुजुर्गों से लेकर कॉरपोरेट कंपनियों को कई उम्मीदें हैं। दरअसल अप्रैल-मई में चुनाव होना है इस लिहाज से भी इस बजट को काफी खास माना जा रहा है।
बजट का अपना पुराना इतिहास है
- भारतीय बजट का अपना पुराना इतिहास है और कहते हैं कि देश की बात देश की भाषा में होनी चाहिए इसलिए बजट को अंग्रेजी के साथ हिंदी में भी पेश किया जाता है।
- हिंदी में बजट को पेश करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि इसे आम लोग भी आसानी से समझें।
- इसलिए देश में सबसे पहले वर्ष 1955-56 में पहली बार हिंदी में बजट पेश किया गया था।
- तब से लगातार बजट भाषण हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में तैयार होते आ रहा है।
- यह अलग बात है कि देश के वित्त मंत्री अपनी सुविधा के हिसाब से हिंदी या अंग्रेजी में बजट भाषण पढ़ते हैं।
गौरतलब है कि अब आम बजट और रेल बजट अलग-अलग नहीं पेश किए जाते हैं। इनका मर्जर एक ही बजट में कर दिया गया है। ये दोनों अब एक साथ पेश किए जाते हैं।
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