यूथ फ़ॉर स्वराज के साथी शुरू से इस आंदोलन में नेतृत्व की भूमिका में रहें हैं
Susil Mishra
Patna
28 जून 2019 को हाई कोर्ट ने सरकार व मगध विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि प्रभावित कॉलेजों को अस्थायी मान्यता देकर 2015-18 बैच के विद्यार्थियों का रिजल्ट जल्द से जल्द जारी किया जाए। यूथ फ़ॉर स्वराज मगध विश्विद्यालय के विद्यार्थियों को इस अप्रत्याशित जीत के लिए बधाई देता है।
पिछले वर्ष सितम्बर माह में मगध विश्वविद्यालय के 63 कॉलेजों की मान्यता को रद्द कर दिया गया था, जिससे लगभग 86,000 विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया।
यूथ फ़ॉर स्वराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुमार ने कहा कि यूथ फ़ॉर स्वराज इसी तरह से युवाओं की आवाज बुलंद करता रहेगा। यह आंदोलन अपनी मर्यादा, रचनात्मकता और युवाओं की एकजुटता के लिए याद किया जाएगा।
यूथ फ़ॉर स्वराज के साथी रवि के नेतृत्व में इन 86,000 छात्र-छात्राओं के हकों की लड़ाई सड़क और न्यायलय पर संविधान के दायरे में रहकर शुरू हुई। पहले एडमिट कार्ड जारी कर परीक्षा देने के हक की लड़ाई, फिर रिजल्ट जारी करने की लड़ाई।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रवि ने कहा कि “ये युवाओं की बड़ी जीत है, सरकार की गलती की सजा युवाओं को दी जा रही थी। बिहार के युवा बधाई के पात्र हैं कि उन्होंनें इस हक की लड़ाई को एकजुट होकर संविधान के दायरे में रहकर लड़ा।”
यूथ फ़ॉर स्वराज के यूथ कैबिनेट के सदस्य अतुल ने कहा कि इस आंदोलन को और आगे बढ़ाया जाएगा। बिहार का भविष्य व्यपाक शिक्षा सुधार के बिना संभव नहीं है, इस आंदोलन से यह स्पष्ट है कि बिहार का युवा इसको लेकर सजग है और अपने अधिकारों के हनन पर चुप नहीं बैठेगा, वो लड़ेगा और जीतेगा भी।
जल्द ही आंदोलन का नेतृत्व कर रहे रवि व साथियों और अधिवक्ता आकाश रंजन का सम्मान समारोह आयोजित करेगा और बिहार में शिक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए आंदोलन को जारी रखेगा। आंदोलन पर एक बुकलेट जारी किया जाएगा।