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Sawan : श्रावस मास का सोमवार हो या फिर किसी और मास का सोमवार, इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है। इस दौरान उनको गंगाजल, अक्षत्, गाय का दूध, भांग, मदार, धतूरा आदि अर्पित किया जाता है, लेकिन उनकी पूजा में तुलसी समेत ऐसी चीजें हैं, जिनका प्रयोग वर्जित है। Sawan
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आपका बनता काम भी बिगड़ जाएगा
उनको भूलकर भी वे चीजें अर्पित नहीं करनी चाहिए, ऐसा करने से वे नाराज हो जाएंगे और आपका बनता काम भी बिगड़ जाएगा।
तुलसी का पत्ता
भगवान शिव की पूजा में तुलसी का पत्ता प्रयोग नहीं किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने वृंदा के पति जलंधर का वध किया था, इसमें भगवान विष्णु ने जलंधर का रुप धारण करके वृंदा के पतिव्रता धर्म को तोड़ दिया था। यह बात जानने पर वृंदा ने आत्मदाह कर लिया, उस जगह पर तुलसी का पौधा उग गया। वृंदा ने शिव पूजा में तुलसी के न शामिल होने की बात कही थी।
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हल्दी
भगवान शिव की पूजा में हल्दी भी वर्जित है। मांगलिक एवं धार्मिक कार्यों में हल्दी को शुभ माना जाता है। हल्दी का सौंदर्य प्रशाधन में भी एक स्थान है और शिवलिंग पुरुषत्व का प्रतीक है, इसलिए भोलेनाथ को हल्दी अर्पित नहीं किया जाता है।
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भगवान शिव को कनेर, कमल, लाल रंग के फूल, केतकी और केवड़े का फूल नहीं चढ़ाते हैं।
शंख
भगवान शिव की पूजा में शंखनाद नहीं किया जाता और न ही शंख से उनका जलाभिषेक किया जाता है। उन्होंने शंखचूर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए उनकी पूजा में शंख निषेध है।
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