क्या होता है सिरोटोटिन
सिरोटोटिन एक हार्मोन होता है। जिन खाद्य पदार्थो में अमिनो अम्ल ट्रिप्टोफेन होता है, वे रसायन दिमाग में फील गुड हार्मोन सिरोटोटिन के स्तर को बढ़ा देता है।सेरोटोनिन हार्मोन को बढ़ाने के लिए रोजाना कुछ देर धूप में बैठें। कीवी, केले, आम, मौसमी और अनानास खाएं। ये सिरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं।
अवसाद को कम करता है
सेरोटोनिन एक हैपी न्यूरोट्रांसमीटर है। यानी यह हमें सुख और दुख की अनुभूति कराने के लिए यह महत्वपूर्ण रसायन होता है। अगर इसका स्तर गिरता है तो हम दुख और उदासी महसूस करते हैं।ये महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर जब अस्थिर हो जाते हैं तो इससे मूड में तेजी से असंतुलन आता है। यही असतुंलन अवसाद की वृद्धि करता है।
अच्छी नींद
मस्तिष्क मे सिरोटोनिन हार्मोन के बढने के कारण ही हमें अच्छी नींद आती है। इस हार्मोन के बढ़ने से नींद से उठने के बाद आलस का अनुभव नहीं होता है।पेट की कुछ आम बीमारियों जैसे इर्रिटेबल बॉउल सिंड्रोम में सेरोटोनिन की बड़ी भूमिका होती है। ये भूख बढ़ाने का काम भी करता है। हड्डियों के बनने और रख-रखाव में भी यह बड़ी भूमिका निभाता है।
रक्तचाप के लिए जरूरी
सेरोटोनिन का 95 प्रतिशत तो आंतों में ही पाया जाता है। यह आंतों की गतिविधियों को नियंत्रित करता है और अतिरिक्त सेरोटोनिन खून में मिल जाता है, जो अन्य गतिविधियों के लिए उपयोगी होता है।रक्तचाप और खून का थक्का जमने में भी सेरोटोनिन का महत्व है।
याद्दाश्त बढ़ाता है
याददाश्त और सीखने की क्षमता में भी सेरोटोनिन की भूमिका है।इसके अलावा यह दिमाग हानिकारक बैक्टीरिया को नियंत्रित करने और बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होता है। इसके अलावा यह दिमाग हानिकारक बैक्टीरिया को नियंत्रित करने और बीमारियों से लड़ने में भी मददगार होता है।