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हाईकोर्ट में भिवानी का मामला आया सामने
हाईकोर्ट ने तीन दिन में राशन मुहैया कराने के दिए आदेश
Arti Pandey
Chandigarh
बेरोजगार होने की दलील देते हुए पत्नी को गुजारा भत्ता देने में असमर्थता जताते हुए एक व्यक्ति ने इसके स्थान पर हर माह दाल, चावल और घी देने की पेशकश कर दी। मामला तब और भी रोचक हो गया जब हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए तीन दिन के भीतर राशन पत्नी को मुहैया कराने के आदेश जारी कर दिए।
मामला भिवानी का है जहां एक दंपती के बीच वैवाहिक विवाद के चलते निचली अदालत ने व्यक्ति को हर माह तय राशि पत्नी को भुगतान करने के आदेश दिए थे। इस आदेश के खिलाफ पति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।
याचिका पर सुनवाई के दौरान पति ने कहा कि वो कोर्ट द्वारा तय रकम देने में सक्षम नही है। याची ने बताया कि वह जिस कंपनी में काम करता था, वह कंपनी अब बंद हो चुकी है और ऐसे में वह पैसे में भुगतान नहीं कर सकता। हालांकि वह इसके स्थान पर पत्नी को उसके गुजारे के लिए घर का राशन दे सकता है।
याचिकाकर्ता अमित मेहरा ने कोर्ट को कहा कि वो अपनी पत्नी को प्रति माह 20 किलो चावल, 5 किलो चीनी, 5 किलो दाल, 15 किलो अनाज, 5 किलो देसी घी के अलावा रोजाना दो किलो दूध दे सकता हैं। हाईकोर्ट में शायद यह ऐसा पहला ही मामला होगा जहां कोर्ट ने पैसे के स्थान पर राशन को गुजारा भत्ता के तौर पर देने की पेशकश की गई और हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार भी कर लिया।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की यह मांग स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि वो तीन दिन के भीतर यह सामान अपनी पत्नी को दे व गुजारा भत्ते का पिछला भुगतान करे। अगली सुनवाई पर इस बाबत कोर्ट में हलफनामा देकर जानकारी भी दे कि उसने यह सब भुगतान कर दिया है।
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