हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है
शास्त्रों में प्रदोष व्रत भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का दिन है, जो प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ता है उसे सोम प्रदोष कहा जाता है इस बार यह व्रत सावन के दूसरे सोमवार को है. सोमप्रदोष व्रत करके कोई भी व्यक्ति चन्द्रमा के अशुभ प्रभाव को खत्म कर सकता है. हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है.सोम प्रदोष का व्रत करके मन की शांति के साथ साथ भविष्य में उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद भी भगवान शिव देते है.
किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है.
अगर चंद्रमा के कारण डिप्रेशन या मानसिक तनाव हो
- शुक्ल पक्ष की एकादशी का उपवास रखें और हल्के सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर भगवान शिव और कृष्ण की पूजा जरूर करें उन्हें फल फूल अर्पण करें और मन्दिर में बैठकर अपनी समस्या उनके सामने कहें
- सारा दिन अन्न का सेवन न करे इस दिन केवल जलीय आहार ग्रहण करें
- भोजन में दूध और दूध से बनी हुयी चीज़ों का प्रयोग करें
- रोज रात्रि में ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः मन्त्र का 3 माला जाप जरूर करें
- पहले दिन से ही मन शांति का अनुभव करेगा और मानसिक तनाव धीरे धीरे कम होना शुरू हो जाएगा
यदि हाई बीपी की समस्या है तो…
- जन्मकुंडली में चन्द्रमा और मंगल की स्थिति शुभ भावों में तथा शुभ ग्रहों के साथ न होने के कारण उच्च रक्तचाप की समस्या होती है
- तली भुनी चीजों का खाने में प्रयोग बिल्कुल न करें
- दो आंवलों का रस आधे गिलास पानी मे मिलाकर पीएं
- नमक का सेवन कम से कम करें
- शुद्ध मोती अवश्य पहनें
- यह रोग शुक्र और गुरु खराब होने से होता है
- इस रोग में मीठे का सेवन न करें
- कच्ची हल्दी हो दूध में मिलाकर पीएं
- सफेद मूंगा पहनना लाभदायक रहेगा
कैसे पाएं शिव की महाकृपा…
- भगवान शिव के मंत्र ॐ नमः शिवाय का निरंतर प्रदोष काल मे जाप करें
- कच्चे दूध और चावल का दान किसी जरूरतमंद स्त्री को करें
- पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं
- दाएं हाथ से शिवलिंग पर शुद्ध शहद अर्पण करें तथा जल से अभिषेक करें और घी का दीया जलाकर मन की इच्छा भगवान शिव के सामने कहें
- रोली में गंगाजल मिलाकर सफेद कागज पर ॐ लिखकर घर के मंदिर में रखें