पाठ्यक्रम में बदलाव का फायदा भी जानें
हाल ही में बीएड का चार साल का इंटीग्रेटेड बीएबीएड इन काउंसलिंग कोर्स ड (बैचलर ऑफ एजुकेशन) कोर्स लॉन्च हुआ है. अब नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) बीएड में भी बड़े बदलाव कर रहा है. पाठ्यक्रम स्तर पर हो रहे ये बदलाव टीचर बनने का सपना देख रहे लोगों के लिए फायदेमंद होंगे. जानें, क्या होंगे ये बदलाव. पाठ्यक्रम में बदलाव का फायदा भी जानें.
प्रशिक्षित लोगों की जरूरत
मीडिया को दिए नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की चेयरपर्सन सतबीर बेदी के बयान के अनुसार नई पीढ़ी के स्टूडेंट्स में तनाव और मानसिक समस्या जल्दी हो जाती है. उनकी मानसिक समस्याएं काउंसिलिंग के जरिये सुलझाने के लिए हमें इस कार्य में प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है. बता दें, ये बदलाव 40 साल बाद हो रहे हैं.
बीएड इन काउंसलिंग कोर्स
स्कूल और कॉलेज दोनों स्तरों पर अभी जो भी बीएड कोर्स चल रहे हैं, उनमें शिक्षकों में काउंसिलिंग स्किल विकसित करने का प्रावधान नहीं है. हम जल्द ही बीएड इन काउंसलिंग कोर्स लेकर आएंगे. बीएड इन काउंसलिंग कोर्स देशभर के करीब 18 हजार संस्थानों में शुरू किए जाएंगे.
विदेशों में भी मिलेगा सीखने का मौका
भविष्य में बीएड स्टूडेंट्स को इंटरनेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेने का भी अवसर मिलेगा. सतबीर बेदी ने कहा कि इससे स्टूडेंट्स को ग्लोबल एक्सपोजर मिलेगा. वो दुनिया के कई देशों में सीख सकेंगे. संभव है कि सीबीएसई से संचालित मान्यता प्राप्त स्कूलों की तर्ज पर एनसीटीई से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेज भी विदेशों में शिक्षा देने का काम करेंगे.
700 कॉलेज और बनेंगे
सतबीर बेदी ने कहा है कि एनसीटीई जल्द ही हर जिले में एक मॉडल बीएड कॉलेज बनाने की दिशा में काम कर रहा है.
क्या है एनसीटीई वेब पोर्टल
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी हाल में ही एनसीटीई वेब पोर्टल लॉन्च किया है. यहां टीचर एजुकेशन से जुड़े डिप्लोमा, सर्टिफिकेट व डिग्री के दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच हो सकेगी.
करेगा ये काम
बीएड या टीचिंग कोर्स कर रहे स्टूडेंटस को वेबपोर्टल फायदेमंद होगा. उन्हें दस्तावेजों के लिए एनसीटीई कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे.