पित्त ज्वर मच्छर की एक खास प्रजाति से फैलता है
येलो फीवर यानि पित्त ज्वर मच्छर की एक खास प्रजाति से फैलता है। खासकर दुनिया के कुछ देशों में ये इंफेक्शन बुरी तरह से फैला हुआ है। अगर आप भारत से विदेश जा रहे हैं तो अफ्रीका और साउथ अमेरिका जैसे कुछ ऐसे देश हैं, जहां जाने से पहले आपको इसका वैक्सीनेशन ज़रूर लगवाना चाहिए। यह इसलिए ज़रूरी है क्योंकि ऐसे देशों में येलो फीवर का काफी प्रकोप है।
क्या है येलो फीवर
येलो फीवर वायरस द्वारा उत्पन्न होने वाला एक तीव्र हैमरैजिक रोग है, जो मनुष्यों में संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। रोग के नाम में येलो शब्द पीलिया की ओर संकेत करता है जो कुछ रोगियों को प्रभावित करता है। यह ऐसा रोग है जो पूरे शरीर को प्रभावित करता है।
लक्षण
- सर दर्द
- मुंह, नाक, कान, और पेट में रक्त स्राव (खून का बहना)
- उलटी, मितली, जी मचलाना
- लिवर और किडनी से सम्बंधित कार्य प्रणाली का ठप पड़ना
- पेट में दर्द
- पीलिया (jaundice)
इलाज
- येलो फीवर से करीब 50 प्रतिशत लोग इसके संक्रमण से मर जाते हैं।
- लेकिन इसके वेक्सीनेशन की मदद से पूरी तरह बचा जा सकता है।
- येलो फीवर के संक्रमण से बुखार, सर दर्द और उलटी (मितली) जैसे लक्षण पैदा होते हैं।
- गंभीर स्थितियों में यह ह्रदय, लिवर और किडनी से सम्बंधित जानलेवा लक्षण पैदा कर सकते हैं।