इस बार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों एक साथ नहीं बन रहे हैं
#Janmashtami : भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को देखें तो ये 23 अगस्त को सुबह 8 बजकर 8 मिनट से 24 अगस्त को सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक है। कृष्ण जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, कन्हैया अष्टमी, कन्हैया आठे, श्रीकृष्ण जयंती नामों से भी जाना जाता है।
23 को जन्माष्टमी मनाने का कारण
इस बार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों एक साथ नहीं बन रहे हैं। 23 अगस्त की रात 12 बजे से 1 बजे तक के मुहूर्त में अष्टमी तिथि तो है, लेकिन रोहिणी नक्षत्र 24 अगस्त को सूर्यादय से पहले 03:45 बजे शुरू होगा और 25 अगस्त को सुबह 04:25 बजे समाप्त हो जाएगा, इस वजह से 23 अगस्त को ही जन्माष्टमी पर्व माना जाएगा।
संतान सुख
कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा व उपवास रखने वाले भक्तों को जीवन में आनंद की प्राप्ति होती है। संतान सुख से वंचित भक्तों को इस दिन भगवान की आरधना करने से संतान सुख का योग बनता है।
इनकी करें पूजा
जन्माष्टमी पूजन में देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा और लक्ष्मी जी की पूजा विधिवत मंत्र जाप और आरती से करनी चाहिए।