Arti pandey
Chandigarh
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्राईसिटी-पंचकूला, मोहाली व चण्डीगढ़ में बढ़ते शहरीकरण और यहां के निवासियों की बढ़ती अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए एक नई संस्थागत व्यवस्था को जरूरी बताते हुए केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड की तर्ज पर वैधानिक शक्ति प्राप्त बोर्ड अथवा प्राधिकरण गठित करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री आज यहां उत्तरी क्षेत्रीय परिषद 29वीं बैठक के दौरान बोल रहे थे। बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल श सत्यपाल मलिक, पंजाब के राज्यपाल व संघीय क्षेत्र चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी.सिंह बदनौर, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्अशोक गहलोत, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर, दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल, हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी समेत परिषद के सदस्य राज्यों के मंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और केन्द्र व राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठï अधिकारी उपस्थित थे।
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा क्षेत्रफल व जनसंख्या की दृष्टि से देश का एक छोटा सा राज्य है लेकिन देश की अर्थव्यवस्था में इसका उल्लेखनीय योगदान है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 26 हजार 644 रुपये है जो देश के बड़े राज्यों में सर्वाधिक है। आर्थिक विकास दर के मानदण्ड पर सभी राज्यों में हरियाणा तीसरे स्थान पर है। निर्यात व जी.एस.टी. संग्रहण, दोनों में हरियाणा देश में 5वें स्थान पर और ई-वे बिल जारी करने में देश में चौथे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि हम इज आफ डूईंग बिजनेस रैकिंग में उत्तर भारत में पहले तथा देश में तीसरे स्थान पर हैं।
मुख्यमंत्री ने परिषद की पिछली बैठक के बाद यमुना व इसकी सहायक नदियों पर रेणुका और लखवार व्यासी बांध बनाने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित करवाने के लिए केन्द्र सरकार तथा सभी सम्बन्धित राज्य सरकारों का आभार व्यक्त करते उम्मीद जताई कि किशाऊ डैम के लिए भी एमओयू पर शीघ्र हस्ताक्षर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा होने से पानी की भारी कमी से निपटने में हमें काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पानी की मांग 36 एमएएफ है और आपूर्ति केवल 14.7 एमएएफ है, लेकिन इसके बावजूद हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में दिल्ली को यमुना नदी से अपने हिस्से का पानी दे रहे हैं। एसवाईएल को हरियाणा की जीवनरेखा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब से रावी-व्यास के पानी में से हरियाणा का पूरा हिस्सा हमें अभी भी नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि गत वर्षों में यमुना में पानी की निरंतर कमी हुई है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा के एक हजार से भी अधिक गांव और लाखों एकड़ भूमि आज भी प्यासी है।
मनोहर लाल ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास, पर्यावरण संरक्षण व कानून-व्यवस्था जैसे क्षेत्रों में सदस्य राज्यों द्वारा आपस में गहन तालमेल बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बढ़ती हुई नशे की समस्या से निपटने के लिए हरियाणा निवास, चण्डीगढ़ में 20 अगस्त, 2018 को एक बैठक हुई थी, जिसमें पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा तीन अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने विचार मंथन किया कि नशे की रोकथाम के तंत्र को कैसे मजबूत किया जाए। उन्होंने बताया कि इस दिशा में हम सभी ने पंचकूला में एक अंतर-राज्यीय नशा सूचना सचिवालय स्थापित करने का निर्णय लिया था, जिसके लिए सभी सहभागी राज्यों ने अपने नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने परिषद की बैठक का आयोजन कैपीटल सिटी चण्डीगढ़ में करने तथा इसकी मेजबानी का अवसर हरियाणा को देने के लिये केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस बैठक में हुए विचार-मंथन से उत्तर क्षेत्र के सभी लम्बित मुद्दों को सुलझाने में सहायता मिलेगी, जिससे हम एक आधुनिक, सशक्त और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में दृढ़ता से आगे बढ़ेंगे।
हरियाणा की मुख्य सचिव र केशनी आनन्द अरोड़ा ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित करते हुए कहा कि बैठक की मेजबानी हरियाणा के लिए गौरव का विषय हैं और हम सभी क्षेत्रों में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगे तथा बैठक के दौरान भागीदार राज्यों व केन्द्र सरकार की तरफ से आए सुझावों पर गंभीरता से अमल किया जाएगा।