पितृ पक्ष में इस एकादशी के पड़ने के कारण इसका महत्व बढ़ जाता है
#Ekadashi : पितरों और मनुष्यों के मोक्ष की एकादशी इंदिरा एकादशी है, इसका व्रत सभी मनुष्यों को करना चाहिए। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है। इंदिरा एकादशी इस वर्ष 25 सितंबर दिन बुधवार को पड़ रही है।
व्रत के पुण्य से मोक्ष प्राप्त
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में इस एकादशी के पड़ने के कारण इसका महत्व बढ़ जाता है। सभी घरों में इस व्रत को जरूर करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि व्रत का पुण्य अपने पितरों को समर्पित कर देना चाहिए, ताकि जो पितर नरक लोक में कष्ट भोग रहे हैं, उनको यमराज के दंड से मुक्ति मिल सके।
महत्व
इस दिन एकादशी तिथि को जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को संसार के बंधनों से मुक्ति मिलती है। व्यक्ति स्वयं जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। भगवान विष्णु के श्री चरणों में उसे स्थान प्राप्त होता है, वह बैकुण्ठ चला जाता है।
विधि
- इस दिन प्रात: काल में स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके पश्चात भगवान श्रीहरि का ध्यान करके व्रत का संकल्प करें।
- इसके बाद पूजा स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर को अक्षत्, रोली, चंदन, धूप, गंगाजल, मिष्ठान आदी अर्पित करें।
- फिर विष्णु सहस्रनाम और विष्णु सतनाम स्तोत्र का पाठ करें।इसके पश्चात कपूर या गाय के घी का दीपक जलाकर भगवान की आरती करें।
- फिर पितरों को नरक में मिलने वाले कष्टों से मुक्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करें और उनके किए गए गलत कार्यों के लिए क्षमा याचना करें।
- तत्पश्चात पितरों के नाम से श्राद्ध कर, ब्राह्मणों को कुछ दान दें।
- फिर अगले दिन पारण के साथ व्रत खोलें।
मुहूर्त
इंदिरा एकादशी 24 सितंबर दिन मंगलवार की शाम 04:42 बजे से प्रारंभ हो रही है, जो 25 सितंबर दिन बुधवार को दोपहर 02:09 बजे तक है। अत: आप इंदिरा एकादशी का व्रत बुधवार को करें। पारण अगले दिन सुबह 08:30 बजे तक कर लें।