डॉक्टर कफ़ील ख़ान इन्हीं आरोपों में 8 महीने की जेल काट चुके हैं
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 अगस्त 2017 को ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हुई थी. डॉक्टर कफ़ील ख़ान को लापरवाही, भ्रष्टाचार और ठीक से काम नहीं करने के आरोप में सस्पेंड किया गया था. लेकिन अब विभागीय जांच रिपोर्ट में डॉक्टर कफ़ील को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है. इससे पहले डॉक्टर कफ़ील ख़ान इन्हीं आरोपों में 8 महीने की जेल काट चुके हैं.
Those parents who lost their infants are still waiting for the justice.I demand that government should apologize and give compensation to the victim families.@PTI_News @TimesNow @myogiadityanath @narendramodi @ndtv @ravishndtv @abhisar_sharma @yadavakhilesh @RahulGandhi @UN pic.twitter.com/WaTwQSCUuZ
— Dr kafeel khan (@drkafeelkhan) September 27, 2019
बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निलंबित शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफ़ील ख़ान विभागीय जांच में निर्दोष पाए गए हैं. ये जांच रिपोर्ट भी इस साल 18 अप्रैल को ही आ गई थी लेकिन डॉ कफ़ील को कल ही दी गई. क्लीनचिट मिलने के बाद डॉ. कफील ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि क्लीनचिट मिलने से वह काफी खुश हैं. जांच रिपोर्ट में आने में दो साल लग गए हालांकि उनको न्याय की उम्मीद थी. लेकिन 2 सालों तक उनके परिवार ने प्रताड़ना बर्दाश्त की है.
My mother reaction on my acquittal
She is happy 😊@myogiadityanath @PTI_News @sardesairajdeep @narendramodi @yadavakhilesh @RahulGandhi @bainjal @ArvindKejriwal @abhisar_sharma @ravishndtv pic.twitter.com/8XC6ex8PdS— Dr kafeel khan (@drkafeelkhan) September 27, 2019
कब क्या हुआ :
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 अगस्त 2017 को ऑक्सीजन की कमी के चलते कई बच्चों की मौत हो गई.
अखबारों और सोशल मीडिया में डॉ कफील को हीरो बताया गया क्योंकि उन्होंने बाहर से सिलेंडर मांगकर कई बच्चों की जान बचाई.
22 अगस्त को डॉ. कफील को लापरवाही बरतने और तमाम गड़बड़ियों के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया.
2 सितंबर 2017 को डॉक्टर कफील को जेल भेज दिया गया.
25 अप्रैल 2018 को 8 महीने बाद डॉ. कफील को जमानत मिल गई.
मार्च 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि डॉ. कफील की जांच पूरी होने के बाद 90 दिन के अंदर उनको सौंपी जाए.
यह जांच रिपोर्ट 18 अप्रैल 2019 को आ गई थी. लेकिन डॉ. कफील को 26 सितंबर को दी गई.