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Navratri : नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा का विधान है. भगवान शिव की प्राप्ति के लिए इन्होंने कठोर पूजा की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ गया था. जब भगवान शिव ने इनको दर्शन दिया तब उनकी कृपा से इनका शरीर अत्यंत गौर हो गया और इनका नाम गौरी हो गया. मां गौरी श्वेत वर्ण की हैं और श्वेत रंग में इनका ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है. विवाह सम्बन्धी तमाम बाधाओं के निवारण मैं इनकी पूजा अचूक होती है. Navratri 2024
इस बार मां महागौरी की पूजा 06 अक्टूबर को होगी.
पूजा विधि…
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मां के समक्ष दीपक जलाएँ और उनका ध्यान करें.
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पूजा मैं मां को श्वेत या पीले फूल अर्पित करें .
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उसके बाद इनके मन्त्रों का जाप करें.
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अगर पूजा मध्य रात्रि मैं की जाय तो इसके परिणाम ज्यादा शुभ होंगे.
मां गौरी की पूजा से करें शुक्र को मजबूत…
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मां की उपासना सफेद वस्त्र धारण करके करें.
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मां को सफेद फूल , और सफेद मिठाई अर्पित करें.
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फिर शुक्र के मूल मंत्र “ॐ शुं शुक्राय नमः” का जाप करें.
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शुक्र की समस्याओं के समाप्ति की प्रार्थना करें.
कन्याओं को भोजन कराने का महत्व और नियम
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नवरात्रि केवल व्रत और उपवास का पर्व नहीं है.
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यह नारी शक्ति के और कन्याओं के सम्मान का भी पर्व है.
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इसलिए नवरात्रि में कुंवारी कन्याओं को पूजने और भोजन कराने की परंपरा भी है.
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हालांकि नवरात्रि में हर दिन कन्याओं के पूजा की परंपरा है, परन्तु अष्टमी और नवमी को अवश्य ही पूजा की जाती है.
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2 वर्ष से लेकर 11 वर्ष तक की कन्या की पूजा का विधान किया गया है.
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अलग अलग उम्र की कन्या देवी के अलग अलग रूप को बताती है.
विशेष प्रसाद अर्पित करें
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आज मां को नारियल का भोग लगायें.
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इसे सर पर से फिरा कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें.
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आपकी कोई एक ख़ास मनोकामना पूर्ण होगी.
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