नवमी को व्रत का समापन कन्या पूजा, हवन आदि के साथ करते हैं
#Navratri : मां आदिशक्ति जगदम्बा, मां दुर्गा, मां भवानी आदि नामों से प्रसिद्ध देवी की पूजा का विशेष त्योहार नवरात्रि अब अपने समापन की ओर अग्रसर है। मां दुर्गा के भक्त नवरात्रि में सभी दिनों का व्रत रखकर अष्टमी या नवमी को व्रत का समापन कन्या पूजा, हवन आदि के साथ करते हैं। इसके पश्चात वह पारण करते हैं।
दुर्गाष्टमी 06 अक्टूबर रविवार को और महानवमी 07 अक्टूबर सोमवार को है।
पारण मुहूर्त
सोमवार को नवमी तिथि 03:05 बजे तक है। ऐसे में आपको इस समय से पूर्व कन्या पूजन, हवन आदि कार्यक्रम विधि विधान से पूर्ण कर लेना चाहिए ताकि आप शुभ मुहूर्त में पारण कर सकें।
नवमी के दिन हवन और कन्या पूजन
- जो लोग नवरात्रि में 9 दिन का व्रत रखते हैं, उनको नवमी के दिन हवन और कन्या पूजन करना चाहिए।
- इसके पश्चात दशमी को पारण करना चाहिए।
- 08 अक्टूबर दिन मंगलवार को को दशमी तिथि दिन में 04:18 बजे तक है।
- नवमी तिथि सोमवार को 03:05 बजे तक है, उसके बाद से दशमी लग रही है तो आप शाम में पारण कर सकते हैं।
यदि आप सोमवार शाम में पारण नहीं करते हैं तो अगले दिन मंगलवार को सुबह दशमी तिथि में पूजा और हवन की पूर्णाहुति करके पारण करें। हवन की पूर्णाहुति के बाद मां दुर्गा से अपने परिवार के लिए सुख, समृद्धि, धन, आरोग्य, शिक्षा आदि की कामना करें। फिर उनको खुशी-खुशी विदा करें।
पारण का महत्व
- शास्त्रों के अनुसार, दशमी तिथि को ही व्रत खोलने का विधान है।
- यदि नवमी तिथि बढ़ती है तो पहली नवमी को व्रत रखते हैं और दूसरे दिन पारण करते हैं।
- दशमी तिथि में पारण करने से मां दुर्गा भक्तों के दुख हर लेती हैं, उनके सभी अमंगल दूर कर देती हैं। जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
दशमी तिथि के दिन ही विजयादशमी मनाई जाती है। ऐसे में इस वर्ष विजयादशमी 08 अक्टूबर दिन मंगलवार को है।