वेजाइना महिला के शरीर का सबसे सेंसिटिव अंग है
#HEALTH : यूं तो शरीर में कहीं पर भी खुजली होने पर हमें असुविधा महसूस होती है। लेकिन जब वेजाइना जैसे सेंसिटिव अंग में खुजली होती है, तो वास्तव में महिलाओं को परेशानी और असहज महसूस होता है। जी हां वेजाइना महिला के शरीर का सबसे सेंसिटिव अंग है। इसलिए महिलाओं को इसकी अच्छे से केयर और साफ सफाई करनी चाहिए। लेकिन ऐसा न करने से वेजाइना में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जिससे इंफेक्शन और खुजली की होने लगती है।
हालांकि महिलाओं को लगता है कि यूटीआई के कारण वेजाइना में खुजली होती है लेकिन कई बार कुछ बीमारियों के बारे के कारण भी वेजाइना में खुजली होने लगती है। अगर इसपर ध्यान न दिया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है।
आइए ऐसी ही कुछ समस्याओं के बारे में जानें, जिसके कारण महिलाओं की वेजाइना में खुजली की समस्या हो सकती है।
यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन (UTI)
यूटीआई एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो आपके यूरिनरी ट्रेक्ट में कहीं भी हो सकता है जिसमें किडनी, ब्लैडर, मूत्रवाहिनी, यूरेथ्रा आदि शामिल हैं। यूटीआई होने पर पेल्विक एरिया में दर्द, बार-बार यूरिन आना, यूरिन करते समय दर्द और बदबू जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। और अगर इंफेक्शन यूरेथ्रा के पास है, तो यह गंभीर खुजली और जलन पैदा कर सकता है। वेजाइना में गंभीर खुजली होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस
वेजाइनल यीस्ट इंफेक्शन की तरह, बैक्टीरियल वेजिनोसिस भी अच्छे और बुरे बैक्टीरिया के बीच असंतुलन के कारण होता है। हालांकि इस समस्या में हमेशा एक जैसे लक्षण देखने को नहीं मिलते है। लेकिन जब लक्षण दिखाई देते हैं, तो वेजाइना में खुजली और डिस्चार्ज में बदबू शामिल हैं, जो भूरे या सफेद का हो सकता है। जानी-मानी गायनेकोलॉजिस्ट रेनू मलिक का कहना हैं कि इस समस्या के होने पर डिस्चार्च दूधिया रंग का और पतला होता है और इसमें मछली जैसी बदबू आती है। यह इंफेक्शन वेजाइना में लेक्टो बेसिलियस बैक्टीरिया की कमी के कारण होता है। दरअसल इस बैक्टीरिया की कमी होने पर वैजाइना में खराब बैक्टीरिया प्रभावी होने से पीएच बदल जाता है। इसमें डायग्नोसिस होने पर क्लू सेल्स दिखते हैं।’
त्वचा संबंधी समस्याएं
एक्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधीह कुछ सामान्य समस्याएं प्राइवेट पार्ट में लालिमा और खुजली पैदा कर सकती है। एक्जिमा को एटॉपिक डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है और उन लोगों में विकसित होता है जिन्हें अस्थमा है या एलर्जी की समस्या होती है। इससे होने वाले दाने लाल रंग के होते हैं और इसमें टेढ़ी-मेढ़ी बनावट होती है। सोरायसिस त्वचा की एक और समस्या है जिसमें जोड़ों और स्कैल्प में खुलजी और लाल दाने हो जाते है। यह समस्या वेजाइना में भी हो सकती है।
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (एसटीडी)
असुरक्षित यौन संबंध से क्लैमाइडिया, गोनोरिया, जेनिटल वार्ट्स, जेनिटल हर्पिस और ट्राइकोमोनिएसिस सहित विभिन्न एसटीडी हो सकते हैं। इनके कारण भी वेजाइना में खुजली होने लगती है। सिर्फ खुजली ही नहीं बल्कि यूरिन करते समय असामान्य ग्रोथ, हरे या पीले रंग का वेजाइनल डिस्चारर्ज और यूरिन करते समय दर्द सहित कई अन्य लक्षण देखने को मिलते हैं।
यीस्ट इंफेक्शनयीस्ट
एक फंगस है जो नेचुरल रूप से वेजाइना में मौजूद होता है। यह आमतौर पर किसी भी समस्या का कारण नहीं बनता है, लेकिन जब इसकी ग्रोथ बढ़ने लगती है तो इंफेक्शन हो सकता है। यीस्ट के कारण होने वाले इंफेक्शन को वेजाइना यीस्ट इंफेक्शन कहते है। यह समस्या इतनी कॉमन है कि यह हर 4 में से 3 महिलाओं को उनके जीवनकाल में एक बार जरूर परेशान करती है। इंफेक्शन एंटीबायोटिक दवाओं के एक कोर्स लेने के बाद हो सकता है। यीस्ट के बढ़ने से खुजली, जलन और डिस्चार्ज की समस्या हो सकती है।