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पंजाब के सहकारी बैंकों की हालत बिल्कुल दुरुस्त, पंजाब राज्य सहकारी बैंक के एम.डी. ने कहा
CHANDIGARH
पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पी.एम.सी.), जोकि हाऊसिंग डिवैल्पमैंट एंड इनफ्रास्ट्रक्कचर (एच.डी.आई.एल.) लिम. को गलत ढंग से कर्ज देने और लाखों ग्राहकों की जमा पूंजी को खतरे में डालने के लिए चर्चा में रहा है, महाराष्ट्र का शहरी सहकारी बैंक है जिसका पंजाब राज्य के पंजाब राज्य सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक से कोई सम्बन्ध नहीं है।
इस संबंधी जानकारी देते हुये पंजाब राज्य सहकारी बैंक लिम. के एम.डी. डॉ. एस.के. बातिश ने कहा कि पंजाब राज्य सहकारी बैंक लिम., चंडीगढ़ और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक अपनी 800 से ज़्यादा शाखाओं के साथ पंजाब के लोगों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जिनकी वित्तीय हालत बिल्कुल दुरुस्त है। कुछ जिला केंद्रीय सहकारी बैंक 100 साल से अधिक पुराने हैं। यह बैंक राज्य के 9 लाख से ज़्यादा किसानों की सामाजिक -आर्थिक ज़रूरतों की पूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इन बैंकों से 39 लाख जमाकर्ता और 16 लाख कजऱ्दार बैंकिंग सेवाएं ले रहे हैं।
पंजाब के सहकारी बैंकों के ग्राहकों को भरोसा देते हुये डॉ. बातिश ने कहा कि पंजाब राज्य सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों का कुल 34000 करोड़ रुपए का कारोबार है। राज्य के किसानों को 9200 करोड़ रुपए के कृषि कर्ज प्रदान किये गए हैं। जिला केंद्रीय सहकारी बैंक राज्य के कृषि लोन प्रदान करने वाली बड़ी इकाईयों में से एक है। गौरतलब है कि राज्य के पंजाब राज्य सहकारी बैंक और सभी जिला केंद्रीय सहकारी बैंक आर.बी.आई और नाबार्ड, सी.आर.ए.आर., सी.आर.आर और एस.एल.आर आदि द्वारा तय नियमों की पालना करते हैं।
डॉ. बातिश ने पंजाब के सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं और कजऱ्दारों को बैंक के साथ बिना किसी डर के लेन-देन करने के लिए प्रेरित किया।
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