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पैसेंजर व्हीकलों में जल्द ही पैनिक बटन लगाने की तैयारी
बटन दबाते साथ ही वाहन की लोकेशन ट्रेस कर मिलेगी पुलिस मदद
महिलाओं व अन्य यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर जल्द ही प्रशासन शहर में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। शहर में दौड़ रहे हर पैसेंजर व्हीकल में प्रशासन पैनिक बटन जरूरी करने जा रहा है। सेक्टर 17 में बनने वाले इंटीग्रेटिड कमांड सेंटर के साथ यह व्हीकल का लिंक रहेगा और कहीं भी किसी वाहन में कोई घटना होती है तो सेंटर में बजर बजने लगेगा और पुलिस व अन्य एजेंसियां तुरंत मौके पर मदद के लिए पहुंच पाएंगी। कोई भी वाहन चालक इससे बच नहीं पाएगा। नए वाहनों में तो इसे मैंडेटरी (जरूरी) किया जा रहा है जबकि पुराने व्हीकलों में लगाने के लिए शहर में कुछ एजेंसियां इंपैनल की जाएंगी जहां जाकर यह पैनिक बटन इंस्टाल करवाया जा सकता है। पुराने वाहन चालकों को इसके लिए तय की गई राशि देनी होगी। वहीं इन्हीं इंपैनल एजेंसियों में प्रशासन की ओर से जीपीएस भी वाहनों में लगाया जाएगा। इसकी डैडलाइन क्या होगी यह अभी तय नहीं किया गया है लेकिन जैसे ही यह काम रफ्तार पकड़ेगा, डैडलाइन भी तय कर दी जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार सड़कों पर जो जो भी व्हीकल सवारियों को लाने ले जाने के काम में लगे हैं उनमें यह पैनिक बटन जरूरी किया जा रहा है। नए वाहनों में तो पैनिक बटन लगाने को लेकर केंद्र सरकार की ओर से पहले ही नोटीफिकेशन जारी कर दिया गया है लेकिन जो पुराने वाहन हैं उसके लिए शहर में कुछ एजेंसियों को इंपैनल किया जाएगा।
ये एजेंसियां अपने यहां पुराने वाहनों में जीपीएस और पैनिक बटन लगाकर देंगी जिसके लिए वाहन चालकों को कुछ राशि का भुगतान करना होगा। यह भुगतान कितना होगा अभी यह तय नहीं किया गया है। पहले केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि अपने स्तर पर सभी राज्य व यूटी पैनिक बटन व जीपीएस के लिए कोई कंपनी या एजेंसी का चयन कर लें। यूटी ट्रांसपोर्ट विभाग ने पहले बीएसएनल को इस काम के लिए नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
बीएसएनएल ने कहा था कि वह पैनिक बटन व जीपीएस तैयार कर देंगे जिसे वाहनों में इंस्टाल किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन कार्यालय और आरटीओ में जितने भी पैसेंजर वाहन जिसमें ऑटो, स्कूल बसें, कैब व अन्य गाडिय़ां और सरकारी बसें हैं उनमें यह प्रावधान जरूरी किया जा रहा है।
महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से इस कदम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शहर में बीते दिनों ऑटो में महिलाओं के साथ रेप होने जैसी दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं। पैसेंजर वाहनों में सफर करने वाली सवारियां कोई भी इमरजेंसी पडऩे पर इस पैनिक बटन को दबा सकेंगी। वाहनों में चूंकि जीपीएस भी कंपलसरी किया गया है लिहाजा सेक्टर 17 के इंटीग्रेटिड कंट्रोल कमांड सेंटर में इसकी तुरंत जानकारी पहुंच जाएगी जहां बजर बजेगा और उस वाहन का नंबर स्क्रीन पर प्रोजेक्ट होगा जिसमें पैनिक बटन दबाया गया है। तुरंत ही जीपीएस के जरिये इसकी लोकेशन भी पता चल जाएगी। मौके पर मदद के लिए पुलिस व अन्य एजेंसियां तुरंत पहुंच सकेंगी। चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक बिना
पैनिक बटन के किसी भी पैसेंजर व्हीकल की पासिंग नहीं की जाएगी। चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट इस व्यवस्था को लागू करेगा। खासकर महिलाओं को बसों व टैक्सी में किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसलिए यह व्यवस्था लागू की जा रही है। ट्रांसपोर्ट विभाग के डायरेक्टर उमाशंकर गुप्ता के मुताबिक पैनिक बटन सवारी वाहन में निश्चित स्थान पर लगा रहेगा। यात्रा के दौरान अगर किसी प्रकार की संकट की स्थिति हो तो इसे दबाते ही पुलिस तक सूचना पहुंचेगी। टैक्सी में यह उस स्थान पर लगेगा जहां पर यात्री का हाथ आसानी से पहुंच सके। देर रात में भी यात्री सुरक्षित सफर कर सकें। बहुत सी जगह महिलाएं रात को भी आफिसों में काम करती हैं और वापिस घर पहुंचती हैं। केंद्र सरकार की ओर से अब सीडैक कंपनी को पैनिक बटन और जीपीएस तैयार करने का काम सौंपा गया है। जल्द ही वाहनों में इसे लगवाने की डैडलाइन भी तय की जाएगी।
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