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2017 में रामरहीम के दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में भड़की थी हिंसा
Chandigarh
पंचकूला में डेरा प्रमुख को सीबीआई अदालत से दोषी करार दिए जाने के बाद हुई हिंसा और 40 लोगों की मौत पर मंगलवार को पंजाब एंड चंडीगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि 2017 में तीन दिनों तक पंचकूला में आरोपी के समर्थकों ने लोगों को बंधक बनाया और फिर हिंसा होते ही गोली चला दी गई। इसमें 40 लोगों की जान गई है आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है। सरकार यह स्पष्ट करे कि पूरे प्रदेश में हुए इस क्षति का भरपाई कौन करेगा।
तीन दिनों तक बनाए रखा बंधक
जस्टिस ने कहा कि कहा कि अपनी मांग को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का अधिकार है। सरकार यह बताए कि पंचकूला में इतने लोग जो एकत्र हुए थे उनकी मांग क्या थी। तीन दिनों तक पूरे पंचकूला को डेरा समर्थकों ने बंधक बनाए रखा। पुलिस को गोली चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा जिसमे 40 लोगों की जान चली गई। आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है और उनके परिवारों को हुए नुकसान की भरपाई कैसे होगी।
कौन करेगा भुगतान
जस्टिस राजीव शर्मा, जस्टिस आरके जैन एवं जस्टिस एजी मसीह की फुल बेंच ने साफ कर दिया है कि अब इस केस को और लम्बा नहीं खींचा जाएगा। कोर्ट के सहयोगी वकील सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता को हाईकोर्ट ने कहा कि वह डेढ़ दिन में अपनी दलीलें पूरी करें। वहीं हरियाणा सरकार और डेरे को पक्ष रखने के लिए आधा-आधा दिन का समय दिया गया। मंगलवार दोपहर बाद अनुपम गुप्ता ने अपना पक्ष रखना शुरू किया और अब शुक्रवार को वह पूरा दिन अपना पक्ष रखेंगे। उसके बाद हरियाणा सरकार और डेरे को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जायेगा।
कड़े निर्देश देने के लिए मजबूर
हाईकोर्ट को सहयोग दे रहे अनुपम गुप्ता ने कहा कि अगस्त 2017 में हुए दंगों के दौरान डेरा समर्थकों द्वारा की गई तोडफोड़ और आगजनी के लिए सरकार जिम्मेदार है। अगर सरकार समय पर कार्रवाई करती तो इन दंगों को रोका जा सकता था। यह सरकार की की ढील थी कि इस मामले में हाईकोर्ट को आगे आना पड़ा और कड़े निर्देश देने के लिए मजबूर होना पड़ा। सरकार ने बाद में दंगाइयों से निपटने के लिए जो किया वह हाईकोर्ट के आदेशों पर ही किया गया।
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