Chandigarh
उपभोक्ता फोरम के आदेशों को स्टेट कमीशन में चुनौती देना डोमिनोज पिज्जा बेचने वाली कंपनी जुबिलेंट फूड वर्क्स लिमिटेड को काफी महंगा पड़ गया है। स्टेट कमीशन ने उपभोक्ता के आदेशों को सही ठहराते हुए दो अलग मामलों में डोमिनोज पर करीब 10 लाख का जुर्माना लगाया है।
स्टेट कमीशन ने कैरीबैग के लिए पैसे लेने पर कड़ी फटकार भी लगाई है। स्टेट कमीशन ने कहा है कि कंपनियां लोगों की मजबूरी का फायदा न उठाएं। उन्हें ऐसा करने का कोई अधिकार नही है। हालांकि कंपनी ने अपने पक्ष में दलील दी कि वह पिज्जा को पहले से ही एक कार्डबोर्ड बाक्स में पैक कर उपभोक्ता को देते हैं। ऐसे में वह किसी को कैरीबैग देने के लिए उत्तरदायी नही हैं। हालांकि स्टेट कमीशन ने उनकी इस दलील को नहीं माना।
सेक्टर-28सी निवासी वकील पंकज चांदगोठिया ने उपभोक्ता फोरम में सेक्टर-8सी स्थित डोमिनोज, जुबिलेंट फूड वर्क्स लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि दो पिज्जा लेने के लिए उन्होंने अपने ड्राइवर को स्टोर में भेजा। दो रेगुलर पिज्जा के लिए 306 रुपये मांगे गए। वकील पंकज चांदगोठिया ने जब बिल देखा तो वह हैरान रह गए कि कैरीबैग के लिए 14 रुपये चार्ज किए गए थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि स्टोर में कहीं भी लिखा नहीं था कि कैरीबैग के अलग से पैसे चार्ज किए जाएंगे। कैरीबैग के दोनों ओर डोमिनोज के लोगो प्रिंट थे। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कस्टमर्स से कैरीबैग के लिए पैसे चार्ज करके कंपनी अपना विज्ञापन कर रही है। फोरम ने 14 रुपये लौटाने व मानसिक पीड़ा व उत्पीड़न के लिए 100 रुपये का मुआवजा और 500 रुपये मुकदमा खर्च देने के निर्देश दिए। साथ ही कंपनी को राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग चंडीगढ़ के सेक्रेटरी के नाम पर कंज्यूमर लीगल ऐड अकाउंट में 10 हजार रुपये भी जमा करवाने के निर्देश दिए। लेकिन डोमिनोज पिज्जा ने इन आदेशों को स्टेट कमीशन में चुनौती दे दी।
स्टेट कमीशन ने जारी किए यह आदेश
1. कंपनी सामान खरीदने वाले अपने सभी ग्राहकों को मुफ्त में कैरीबैग दे।
2. शिकायतकर्ता ने गलत तरीके से लिए 14 रुपये वापिस किए जाएं।
3. मानसिक पीड़ा व उत्पीड़न झेलने और मुकदमें के खर्च के रूप में
शिकायतकर्ता को 1500 रुपये का मुआवजा दिया जाए।
4. कंपनी राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग चंडीगढ़ के सेक्रेटरी के नाम पर कंज्यूमर लीगल ऐड अकाउंट में 10 हजार रुपये भी जमा करवाए।
5. डोमिनोज पिज्जा को आदेश दिए कि वह पीजीआई के गरीब रोगी कल्याण निधि में 4 लाख 90 हजार रुपये जमा कराए।