मौन रहकर स्नान और दान करने का विशेष महत्व है
मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने का विशेष महत्व है. इस दिन पूरी तरह से मौन रहें तो अच्छी सेहत और ज्ञान मिलता है. स्नान से मानसिक समस्या, डर या वहम से निजात मिलती है. पूरे नियम से ये व्रत करें तो कुंडली के सभी ग्रह दोष दूर होते हैं. मौनी अमावस्या के बारे में ये भी कहा जाता है कि इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था और मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है. इसलिए इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं.
वैसे तो दिन भर मौन रखने की बात कही गई है लेकिन अगर दान से पहले सवा घंटे तक मौन रख लिया जाए तो दान का फल 16 गुना अधिक मिलता है और मौन धारण कर व्रत का समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है.
माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना तो शुभ होता ही है लेकिन मौनी अमावस्या पर इस स्नान का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो मौनी अमावस्या पर मौन रहकर स्नान और दान करने से इंसान के कई जन्मों के पाप मिट जाते हैं.
तो आइए जानते हैं इस दिन कैसे करें स्नान और पूजन
कैसे करें स्नान…
- सुबह या शाम को स्नान के पहले संकल्प लें
- पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें फिर स्नान करें
- साफ कपड़े पहनें और जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें
- फिर मंत्र जाप करें और सामर्थ्य के अनुसार वस्तुओं का दान करें
- चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं
शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि का प्रारंभ 24 जनवरी 2020 को देर रात 2 बजकर 18 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 25 जनवरी 2020 को देर रात 3 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.