करोड़ों कर्मचारियों को झटका दिया है
ईपीएफओ ने करोड़ों कर्मचारियों को झटका दिया है। दरअसल, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (Employee provident fund) पर ब्याज दर कम कर दी है। अब नई ब्याज दर 8.50 फीसद है, जबकि पिछले साल 2018-19 में यह दर 8.65 फीसद थी।
अब वेतनभोगियों के पीएफ पर कम ब्याज मिलेगा।
क्यों लिया गया ये फैसला
सूत्रों ने आगे बताया कि ईपीएफओ के लिए इस साल ब्याज दरें बनाए रखना मुश्किल है, क्योंकि बॉन्ड, लॉन्ग टर्म एफडी से ईपीएफओ को जो रिटर्न मिलता है उसमें सालभर में 50-80 आधार अंकों की कमी आई है। ये फैसले ईपीएफओ को हुए मुनाफे के आधार पर लिया गया है।
दरअसल, ईपीएफओ अपने सालाना निवेश का 85 फीसदी हिस्सा डेट बाजार में और बाकी का 15 फीसदी हिस्सा ईटीएफ के जरिए इक्विटी में निवेश करता है।पिछले साल मार्च के अंत में ईपीएफओ ने इक्विटी में लगभग 74,324 करोड़ रुपये लगाए थे। जिसपर ईपीएफओ को 14.74 फीसदी रिटर्न मिल गया था। नौकरीपेशा लोगों के लिए पीएफ का ब्याज दर काफी मायने रखती है।
कौन लेता है फैसला
- गुरुवार को ईपीएफ की शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने बैठक की थी।
- जिसमें इस वित्त वर्ष के लिए पीएफ की व्याज दरों को फैसला लिया गया है।
- जानकारी के लिए बता दें कि पीएफ पर ब्याज दरें केंद्रीय न्यासी बोर्ड द्वारा ही तय की जाती हैं।
- हालांकि, उनके इस फैसले को पहले वित्त मंत्रालय से सहमति मिलना जरुरी होता है।