संहिताबद्ध कानून प्रणाली का अभाव है
सऊदी अरब में अब तक विभिन्न अपराधों में दोषियों को कोड़े मारने तक की सजा लागू थी। रिपोर्टों के मुताबिक, सऊदी अरब में एक संहिताबद्ध कानून प्रणाली का अभाव है। यहां जज शरिया या इस्लामी कानून का हवाला देते हुए दोषियों को अपने हिसाब से सजा सुनाते हैं।
अब कोड़े मारने की सजा को खत्म कर रहा है। सऊदी अरब की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में कोड़े मारने की सजा को खत्म करने का आदेश दिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर को मिले सुप्रीम कोर्ट के जनरल कमीशन के फैसले की आधिकारिक कॉपी के मुताबिक, अब सऊदी अरब में कोड़े मारने की सजा के बजाय कैद और जुर्माना जैसी सजाएं दी जाएंगी। दस्तावेज में कहा गया है कि शीर्ष अदालत का यह फैसला राजा सलमान के निर्देशन और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की प्रत्यक्ष देखरेख में शुरू किए गए मानवाधिकार सुधारों का विस्तार है।
- आलोचक मानवाधिकार कार्यकर्ता अक्सर यह आरोप लगाते रहे हैं कि सऊदी अरब दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां मानवाधिकारों के उल्लंघन के अधिकांश मामले सामने आते हैं।
- यही नहीं आलोचकों का कहना है कि यहां अभिव्यक्ति की आजादी पर भी पहरे हैं और कुछ मामलों में सरकार के खिलाफ बोलने पर गिरफ्तार तक कर लिया जाता है।
- सऊदी अरब के मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission, HRC) के अध्यक्ष अवाद अलावाद (Awwad Alawwad) ने रायटर को बताया कि यह सुधार सऊदी अरब के मानवाधिकार एजेंडे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
- सर्वोच्च अदालत का यह फैसला देश में हाल के कई सुधारों में से एक महत्वपूर्ण सुधार है।