आईसीएमआर ने इसके लिए नई गाइडलाइंस जारी की है
#corona news : कोरोना संकट को देखते हुए आईसीएमआर ने प्रदेश में कुछ निजी लैबों को कोरोना जांच की अनुमति दी थी। इनमें गोरखपुर में दो कलेक्शन सेंटर भी बनाए गए हैं, जो इस समय 100 सैंपल की जांच कर चुके हैं। इसमें सबकी रिपोर्ट निगेटिव ही आई है।
शुरुआती दिनों में लैब को जहां से भी फोन आया, उन्होंने उसकी जांच 4500 रुपये के निर्धारित दर से कर ली, लेकिन अब नई गाइडलाइंस के मुताबिक निजी लैब उन्हीं मरीजों की जांच करेंगे, जिनको डॉक्टरों ने कोरोना जांच की सलाह दी होगी।निजी लैब में आप खुद से कोरोना की जांच नहीं करा सकते हैं। इसके लिए डॉक्टरों की सहमति जरूरी है। आईसीएमआर ने इसके लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। इसमें सख्त निर्देश दिए गए हैं कि निजी लैब बिना डॉक्टरों की सलाह के कोरोना जांच नहीं करेंगे।
जांच से पहले आईसीएमआर को देनी होगी मरीजों की जानकारी
- पैथकाइंड के राजीव मित्तल ने बताया कि नए निर्देश के तहत जब तक डॉक्टर कोरोना जांच के लिए नहीं लिखेंगे, तब तक कोई भी लैब टेक्नीशियन नमूना नहीं लेगा।
- आईसीएमआर के प्लानिंग और कोर्डिनेशन इंचार्ज डॉ. रजनीकांत ने बताया कि नए नियम के तहत निजी लैब में कोरोना जांच से पहले डॉक्टरों की सहमति लेनी पड़ेगी। निजी लैब को कोरोना जांच से पहले अब आईसीएमआर को मरीजों को जानकारी देनी होगी।
- इसके लिए निजी लैब के टेक्नीशियनों की अलग से आईडी बनाई गई है। उसी आईडी के जरिये मरीजों का पूरा ब्योरा देना होगा।
- रिपोर्ट आने से लेकर सभी जानकारियां भी साझा करनी होगी। जबकि पहले जांच के बाद सीधे रिपोर्ट सीएमओ को दी जाती थी।
टेक्नीनिशयन की आईडी बना दी गई है
उन्हीं लॉगिन के जरिए टेक्नीशियन मरीजों के नाम, पता और उनका मोबाइल नंबर के साथ डॉक्टर की पर्ची आईसीएमआर को भेजेंगे। इसके बाद उन मरीजों की कोरोना जांच होगी। जांच के बाद रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजनी होगी। पैथ काइंड लैब के राजीव मित्तल ने बताया कि हमारे लैब के सभी टेक्नीनिशयन की आईडी बना दी गई है।