शहर के बाजार तो खुले हैं लेकिन धार्मिक स्थलों पर ताला लगा
ARTI PANDEY
शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान यूटी प्रशासन पर सवालों की झड़ी लग गई। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि प्रशासन सुपर पावर की तरह व्यवहार कर रही है और यही कारण है कि सुखना लेक रोज गार्डन आदि स्थानों पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लग रही है। कोर्ट ने कहा कि अदालत तक में केवल अति आवश्यक मामलों पर सुनवाई चल रही है और प्रशासन ने शहर की मार्केट खोल दी है और ट्रैफिक पर कोई नियंत्रण नहीं है।
हाईकोर्ट ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए जब यूटी प्रशासन से जवाब मांगा तो यूटी प्रशासन की ओर से बताया गया कि जो भी निर्णय लिए गए हैं. वह केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप ही लिए गए हैं।
चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने चंडीगढ़ प्रशासन को शहर में कर्फ्यू में ज्यादा ही ढील दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की। हाईकोर्ट ने चंडीगढ प्रशासन को सख्त निर्देश दिए है कि भविष्य में प्रशासन कोविड 19 के संबंध में जारी एमएचए गाइडलाइन का सख्ती से पालन करे। हाई कोर्ट ने आदेश देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया है.
सडकों पर मोटर गाडियां चल रही
याचिकाकर्ता एडवोकेट पंकज चंदगोठिया ने हाईकोर्ट को बताया कि शहर के बाजार तो खुले हैं लेकिन धार्मिक स्थलों पर ताला लगा हुआ है। सुबस सात से शाम सात बजे तक प्रशासन ने बिना किसी प्रतिबंध के मूवमेंट किए जाने का आदेश दिया है। सडकों पर मोटर गाडियां चल रही हैं। कंटेनमंेट जोन जो बताया जा रहा हैए वह एमएचए गाइड लाइन के अनुसार नहीं हैं। प्रशासन ने शहर के इंटर्नल काम्प्लेक्स खोल दिए हैं। पंचकूला मोेहाली से लोग बगैर पास के आवाजाही कर रहे हैं।
लोगों के बीच कंफ्यूजन होगा
प्रशासनवहीं चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने आग्रह किया कि लॉकडाउन के केवल दो दिन शेष रह गए हैं। नई गाइडलाइन जारी होने वाली है। अगर इसी बीच कुछ बदलाव किया जाता है तो लोगों के बीच कंफ्यूजन होगा। चंडीगढ़ के सीनियर स्टैंडिंग काउंसल पंकज जैन ने कहा कि शहर के सीमित इलाके में कोरोना के ज्यादा मामले आये थे जिनमे बापू धाम सेक्टर38 सेक्टर52 और शास्त्री नगर में ज्यादा मामले आये थे जिनके कन्टेनमेंट जोन बनाया गया है बाकि शहर में पाबंदियों को कम रखा गया है।
केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्य पाल जैन ने कहा कि यह केंद्र की गाइडलाइन्स है तो इस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से प्रशासन बैठक कर सकता है और मंत्रालय ही स्थिति स्पष्ट कर सकता है कि गाइडलाइन्स का उलंघन हुआ है या नहीं।