लॉकडाउन 4 को नए रंग रूप वाला बनने की तैयारी शुरू
lockdown 4.0 : कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन की अवधि चौथी बार 31 मई तक के लिए देशभर में बढ़ा दी गई है। रविवार को लॉकडाउन-3 का आखिरी दिन था। चौथे चरण के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गाइडलाइन lockdown 4 guidelines जारी कर दी।
इसमें अंतरराज्यीय बस सेवा शुरू करने के अधिकार सहित कुछ फैसले राज्य सरकार पर छोड़े गए हैं। चूंकि, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसलिए राहत और पाबंदियों को लेकर योगी सरकार बेहद सतर्क है।
कंटेनमेंट जोन और बफर जोन
कोरोना महामारी के संकट से बचाने के लिए देशभर के साथ उत्तर प्रदेश में भी सोमवार से लॉकडाउन 4 lockdown 4.0 guidelines लागू हो जाएगा, जो 31 मई तक चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के साथ ही यूपी की योगी सरकार ने यहां भी लॉकडाउन 4 को नए रंग रूप वाला बनने की तैयारी शुरू कर दी थी। गृह मंत्रालय के अनुसार अब रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन के अलावा कंटेनमेंट जोन और बफर जोन भी शामिल किया गया है। राज्यों को COVID-19 स्थिति के अनुसार जोन के निर्धारण के अधिकार दिये गए हैं। अब देखना है कि यूपी सरकार राज्य के किन इलाकों में छूट देती है और कहां इसको लागू करने में सख्ती दिखाती है। सोमवार को सुबह ग्यारह बजे सीएम योगी आदित्यनाथ टीम इलेवन की बैठक के साथ राज्य के मंत्रियों से परामर्श के बाद लॉकडाउन lockdown 4.0 guidelines पर आगे की रणनीति तय करेंगे।
लॉकडाउन 17 मई को खत्म नहीं होगा, यह तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया। इस घोषणा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में यूपी कैबिनेट की भी एक पक्ष में एक राय रही कि लॉकडाउन lockdown 4.0 बढ़ाना चाहिए, लेकिन आर्थिक गतिविधियों को छूट बढ़ाने और दुकानें-बाजार अल्टरनेट व्यवस्था में खोलने का भी सुझाव मंत्रियों ने दिया है। लॉकडाउन-4 के संबंध में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से सुझाव मांगे थे, जिसके बाद यह बैठक पिछले मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्रियों के साथ की थी। बैठक में शामिल मंत्रियों के मुताबिक, सभी ने कहा था कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के जो हालात हैं, उसे देखते हुए लॉकडाउन जरूर बढ़ना चाहिए।
अलग-अलग दिन या समय पर अल्टरनेट व्यवस्था के तहत खोला
ग्रीन और ऑरेंज जोन में आर्थिक गतिविधियों की छूट बढ़ाने की पैरवी भी लगभग सभी ने की थी। इसके अलावा सभी के अलग-अलग कुछ सुझाव भी थे। किसी ने कहा कि मोची, कारपेंटर, मैकेनिक जैसे काम को खोल देना चाहिए। यहां भीड़ ज्यादा होती नहीं है और ऐसे कामगार हर दिन कमाने-खाने वाले होते हैं। कुछ ने सुझाव दिया कि खाने-पीने की दुकानों को निर्धारित अवधि के लिए सुबह-शाम खोला जा सकता है। इसके साथ ही बाजार में भीड़ नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग वस्तु से जुड़ी दुकानों को अलग-अलग दिन या समय पर अल्टरनेट व्यवस्था के तहत खोला जा सकता है।