#ChaitraNavratri : कब करें कंजक पूजन 24 या 25 मार्च
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#ChaitraNavratri : प्रत्येक व्रत एवं त्योहार के संबंध में विशेष तिथि के तहत ही शास्त्रानुसार उत्सव मनाने का विधान है। धर्मसिन्धु के अनुसार श्री भवानी उत्पत्ति यद्यपि नवमीं युता (विद्घा) में ही ग्रहण करने के निर्देश देता है अर्थात ‘चैत्र शुकलाष्टभ्याम भवान्या उत्पत्ति:, तंत्र नवमी युता अष्टमी ग्राह्या’ परंतु यदि अष्टमी तीन मुहूर्त यानि चौघड़िया में 6 घड़ी से कम हो तो नवमी विद्घा को त्यागकर उससे पहले की तिथि यानि सप्तमी विद्घा में श्री दुर्गाष्टमी का कंजक पूजन करने का विधान है।
नवरात्र व्रत का पारण करना है
- वर्ष 2018 में अष्टमी की कंजके 24 मार्च को करना ही उचित है। चिन्तामणि के अनुसार मुहूर्त ‘त्रयान्नयूनाया वेधकत्वं च नास्ति।
- नवरात्रों के हिसाब से सीधे तौर पर तो आठवां नवरात्र 25 मार्च को बनता है परंतु तिथियों और चौघड़िया की गणना के अनुसार अष्टमी तिथि का कंजक पूजन 24 मार्च को करना ही उचित है क्योंकि 25 मार्च को अष्टमी तिथि केवल 3 घड़ी और 53 पल के लिए ही बनती है।
- जो त्रिमुहूर्तन्यून है और श्री दुर्गाष्टमी व्रत एवं पूजन पूर्वविद्वा तिथि में ही होगा। उस दिन यानि 24 मार्च को सप्तमी तिथि प्रात: 10 बज कर 6 मिनट तक रहेगी तथा अष्टमी का कंजक पूजन भी 10 बजे के बाद ही करना चाहिए।
- इसी प्रकार नवमी तिथि को लेकर भी लोग दुविधा में है क्योंकि नवमी तिथि का क्षय हुआ है और श्रीरामनवमी 25 मार्च को ही मनाई जाएगी।
- वामन पुराण के अनुसार ‘चैत्र शुकला तु नवमी पुनर्वसु युता यदि, सैव मध्याह्नयोगेन महापुणयफल प्रदा’।
- श्री रामनवमी का कंजक पूजन भी 25 मार्च रविवार को ही प्रश्स्त मानी गई है क्योंकि शास्त्र के अनुसार इस बार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का क्षय हुआ है इसलिए ‘अष्टमी नवमी युक्ता, नवमी च अष्टमी युतेति’।
- इसके अतिरिक्त जिन लोगों ने नवरात्र व्रत का पारण करना है, वह 26 मार्च को ही करेंगे।