शहद जिसे गोल्डन लिक्विड भी कहा जाता है
#HEALTH : शारीरिक विकास और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बच्चों को बचपन से विटामिन और पोषण से भरपूर डाइट की ज़रूरत होती है। यही वजह है कि मां-बाप भी इस बात का ख़ास ख्याल रखते हुए अपने बच्चों के खाने के साथ पोषण का भी ध्यान रखते हैं। भारत में छोटे बच्चों की डाइट में शहद honey शामिल करना एक आम बात है।
नुकसान
इसमें कोई शक़ नहीं कि शहद न्यूट्रिशन से भरपूर एक हेल्दी फूड Healthy food है, लेकिन क्या छोटे बच्चों को इसे देना सही है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि छोटे बच्चों child को शहद honey खिलाना उनकी सेहत health के साथ खिलवाड़ करने के बराबर है।
पाया जाता है बोटुलिनम नाम का बैक्टीरिया
शहद honey जिसे गोल्डन लिक्विड भी कहा जाता है, में दरअसल क्लोस्टिडयम बोटुलिनम नाम का बैक्टीरिया पाया जाता है। दो साल से कम उम्र के बच्चों के शरीर में शहद honey के साथ इस बैक्टीरिया का दाखिल होना काफी ख़तरनाक साबित हो सकता है। इस बैक्टीरिया की वजह से बच्चे को फूड पॉइज़निंग भी हो सकती है।
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आम लक्षण…
- कमज़ोरी, बेजान सा हो जाना
- भूख न लगना
- कब्ज़
- सुस्ती
इसके अलावा आपका बच्चा चिड़चिड़ा भी हो सकता है, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, या कमज़ोरी से रो सकता है। कुछ शिशुओं को दौरे का अनुभव भी हो सकता है। शहद खाने के 12 से 36 घंटे के बाद बच्चे के शरीर में आप इसका असर देख पाएंगे। अक्सर बोटुलिज़म के लक्षण की शुरुआत कब्ज़ से होती है। आपके बच्चे के डॉक्टर को यह बताना ज़रूरी है कि क्या उसने शहद खाया था। उचित निदान प्राप्त करने से आपके बच्चे को उचित उपचार मिलेगा।
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अगर आपके बच्चे में बॉटुलिज़्म का कोई लक्षण है और उसने हाल ही में शहद honey का सेवन किया है, तो आपको इसे आपातकालीन स्थिति में लेना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके स्थानीय अस्पताल ले जाएं।
अगर आपका बच्चा दो साल से कम उम्र का है, तो उसकी डाइट और खासकर शहद के सेवन के बारे में अपने डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें। इस लेख को सिर्फ सलाह के तौर पर ही लें।