कालसर्प दोष के निवारण के लिए उत्तम माना जाता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में काल सर्प दोष का निर्माण राहु एवं केतु की स्थिति पर निर्भर करता है।आज भाद्रपद मास की अमावस्या है, आज का दिन कालसर्प दोष के निवारण के लिए उत्तम माना जाता है। हालांकि कई ज्योतिषाचार्य काल सर्प योग KaalSarp को नहीं मानते हैं।
आइए जानते हैं कि कालसर्प दोष क्या होता है और इसके निवारण का उपाय…
क्या है कालसर्प दोष…
व्यक्ति के जन्मांग चक्र में राहु और केतु की स्थिति आमने सामने की होती है। दोनों 180 डिग्री पर रहते हैं। यदि बाकी सात ग्रह राहु केतु के एक तरफ हो जाएं और दूसरी ओर कोई ग्रह न रहे, तो ऐसी स्थिति में कालसर्प योग बनता है। इसे ही कालसर्प दोष KaalSarpDosh कहा जाता है। हालांकि कालसर्प योग KaalSarp का निर्धारण करते समय अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए।
लक्षण
जातक को प्राय: स्वप्न में सर्प का दिखाई देना।
सही निर्णय न ले पाना।
गुप्त शत्रुओं का होना। कार्य में बाधा।
अत्यधिक परिश्रम के बाद भी कार्यों में मन मुताबिक सफलता न पाना।
मानसिक तनाव से ग्रस्त रहना।
कलहपूर्ण पारिवारिक जीवन।
निवारण उपाय
कालसर्प दोष KaalSarpDosh का सर्वोत्तम उपाय श्रावण मास में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कराना है। जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है, उसे श्रावण में रुद्राभिषेक अवश्य कराना चाहिए।
अपने घर के पूजा स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण की मोर पंख वाली मूर्ति का प्रतिदिन पूजा करें।
शिवलिंग पर मिश्री एवं दूध अर्पित करना चाहिए। साथ ही शिव तांडव स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करना श्रेष्ठ रहता है।
कालसर्प दोष KaalSarpDosh निवारण के लिए राहु की शांति का उपाय रात में करें। राहु की पूजा शिव मंदिर में रात में या राहुकाल में करें।
बहते हुए जल में चांदी से बने नाग और नागिन के जोड़े को विधि प्रकार प्रवाहित कर दें।
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