सितंबर का महिना प्रारंभ हो चुका है। इस माह में जीवित्पुत्रिका व्रत jivitputrika vrat, पितृपक्ष, विश्वकर्मा पूजा Vishwakarma Puja, इंदिरा एकादशी, पद्मिनी एकादशी Ekadashi, प्रदोष व्रत Pradosh vrat, सर्व पितृ अमावस्या, संकष्टी गणेश चतुर्थी एवं विनायक चतुर्थी जैसे प्रमुख व्रत vrat, त्योहार एवं पर्व आएंगे।
ये व्रत एवं त्योहर किस तारीख को पड़ रहे हैं…
व्रत एवं त्योहार
2 सितंबर: भाद्रपद पूर्णिमा, पितृपक्ष प्रारंभ, आश्विन प्रतिपदा।
भाद्रपद मास की पूर्णिमा 2 सितंबर को है, इस दिन व्रत, स्नान, दान किया जाता है। इसके बाद से ही हिन्दी पंचांग के आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा का प्रारंभ हो जाएगा। इस दिन से ही पितृपक्ष Pitri Paksha प्रारंभ हो जाएगा। 15 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष Pitri Paksha में पितरों को पिंडदान, श्राद्ध एवं तर्पण किया जाता है। यह बेहद ही पवित्र समय माना जाता है।
5 सितंबर: संकष्टी गणेश चतुर्थी
संकष्टी गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाएगी। व्रत रखने के साथ ही उनकी कथा भी सुनी जाती है।
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10 सितंबर: महालक्ष्मी व्रत पूर्ण, जीवित्पुत्रिका व्रत।
25 अगस्त से प्रारंभ हुआ 16 दिनों का महालक्ष्मी व्रत 10 सितंबर को पूर्ण होगा। इस दिन माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाएगी एवं व्रत रखा जाएगा। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 10 सितंबर को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाएगा। पुत्र के दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए यह व्रत रखते हैं। जीवित्पुत्रिका व्रत को जितिया या जीमूतवाहन का व्रत भी कहा जाता है।
13 सितंबर: इंदिरा एकादशी।
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते है, जो इस वर्ष 13 सितंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु vishnu की पूजा की जाती है।
14 सितंबर: सोम प्रदोष व्रत।
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 14 सितंबर को है। सोमवार दिन होने के कारण यह सोम प्रदोष व्रत है।
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15 सितंबर: मघा श्राद्ध।
इस वर्ष का मघा श्राद्ध 15 सितंबर को है। त्रयोदशी तिथि के दिन होने वाली श्राद्ध को मघा श्राद्ध कहते हैं, जो मघा एवं त्रयोदशी के योग में आता है।
16 सितंबर: विश्वकर्मा पूजा, सर्व पितृ अमावस्या, कन्या संक्रांति।
इस वर्ष सर्व पितृ अमावस्या 16 सितंबर को है। इस दिन पितृ पक्ष Pitri Paksha का समापन होता है। इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा भी 16 सितंबर को ही है।
18 सितंबर: अधिक मास या मलमास या पुरुषोत्तम मास।
इस वर्ष अधिक मास लग रहा है, जिसका प्रारंभ 18 सितंबर से हो रहा है। इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है।
20 सितंबर: विनायक चतुर्थी।
आश्विन मास की विनायक चतुर्थी 20 सिंतबर को है। इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है।
27 सितंबर: पद्मिनी एकादशी।
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत रखने के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
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28 सितंबर: सोम प्रदोष व्रत।
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 28 सितंबर को है, यह भी सोमवार के दिन पड़ रहा है।
30 सितंबर: पूर्णिमा व्रत।
आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 30 सितंबर को है। इस दिन व्रत रखा जाता है। इस दिन स्नान, दान का विशेष महत्व होता है।