उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) सरकार ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के सात अधिशासी अभियंता को अनिवार्य रिटायरमेंट दे दी है. सात अधिशासी अभियंता के खिलाफ सेवाकाल में विभिन्न गड़बड़ियों के आरोप थे. शासन की ओर से इन सात अधिकारियों की अनिवार्य रिटायरमेंट (Compulsory retirement) के लिये शासनादेश भी जारी कर दिए गए हैं. शासन की ओर से कहा गया कि जांच के नतीजों और कार्य संतोषजनक नहीं पाए पाए जाने के कारण यह कार्रवाई की गई है.
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जिन अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दी गई है, उनमें आजमगढ़ में तैनात अधिशासी अभियंता राजेंद्र कुमार सोनवानी और मिर्जापुर में तैनात अधिशासी अभियंता देवपाल के साथ ही एटा में तैनात विपिन पचौरिया, श्रावस्ती में तैनात अधिशासी अभियंता पवन कुमार शामिल हैं.
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इनके अलावा खीरी एनएच विंग के अधिशासी अभियंता गिरजेश कुमार, बलिया के राम केवल प्रसाद, सहारनपुर में तैनात अधिशासी अभियंता मदन कुमार संतोषी को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है.
सात अधिकारियों के खिलाफ Compulsory retirement की कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. गौरतलब है कि सरकार किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को 50 साल की उम्र के बाद तीन माह का नोटिस या उसके बदले वेतन भत्ते देकर सेवानिवृत्त कर सकती है.