#Navratri : आज सप्तमी तिथि है। आज के दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरुपों की आराधना के लिए निर्धारित होता है। नवरात्रि (Navratri) की सभी तिथियां महत्वपूर्ण होती हैं, लेकिन महा अष्टमी या दुर्गा अष्टमी और महानवमी की तिथियों को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। महाष्टमी के दिन महागौरी तथा महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की विधि विधान से पूजा की जाती है। महाष्टमी तथा महानवमी के दिन लोग अपने यहां कन्या पूजा या कंजक पूजा करते हैं तथा नवरात्रि (Navratri) का हवन करते हैं। हवन के साथ ही नौ दिन की नवरात्रि व्रत (Navratri vrat) का उद्यापन भी पारण के साथ किया जाता है।
जानते हैं कि इस वर्ष नवरात्रि का उद्यापन, हवन तथा शस्त्र पूजा किस दिन की जाएगी…
हवन का मुहूर्त
नवरात्रि की नवमी तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर दिन शनिवार को सुबह 06 बजकर 58 मिनट से हो रहा है, जो 25 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 41 मिनट तक है। ऐसे में नवमी 25 अक्टूबर को है तथा महानवमी का हवन भी रविवार की सुबह होगा। नवमी के दिन प्रात:काल में हवन के लिए 01 घंटा 13 मिनट का समय है। आपको सुबह 06 बजकर 28 मिनट से प्रात:काल 07 बजकर 41 मिनट के मध्य कर लेना चाहिए।
इसके अलावा जो लोग महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी के दिन हवन करते हैं तो दुर्गा अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को है। इस दिन महानवमी की तिथि लग जा रही है। उस दिन सुबह 06 बजकर 58 मिनट से शाम को 05 बजकर 42 मिनट तक हवन का मुहूर्त है।
यह भी खबरें पढें :
- #NAVRATRI पर कैसे जलाएं अखंड ज्योति? जानें नियम और महत्व
- #FESTIVAL SPECIAL TRAINS : इन शहरों के लिए चलेंगी स्पेशल ट्रेनें, जानें…
- आज से #DURGAPUJA शुरू, पढ़ें पौराणिक कथा, मंत्र…
- NAVRATRI KANYA PUJAN : घर पर ऐसे करें कन्या पूजन, जानें पूजा…
- #NAVRATRI : कब है कन्या पूजा या कुमारी पूजा? जानें…
कन्या पूजन
हवन के बाद ही कन्या पूजन किया जाता है। ऐसे में दुर्गा अष्टमी या महानवमी के हवन के बाद कन्या पूजन कर लें। इसमें 02 से 10 वर्ष की आयु की 9 कन्याओं और एक छोटे बालक को भोज कराया जाता है। बालक बटुक भैरव का रूप होते हैं।
व्रत उद्यापन एवं पारण
यदि आपके यहां दुर्गा अष्टमी के दिन ही हवन होता है तो आप कन्या पूजन के बाद व्रत (vrat) का उद्यापन कर सकते हैं और पारण करके व्रत को पूरा कर सकते हैं। अन्यथा महानवमी के दिन हवन के बाद कन्या पूजा करें, उनसे आशीर्वाद लेने के बाद नवरात्रि व्रत का उद्यापन पारण के साथ करें।
यह भी खबरें पढें :
- #NAVRATRI : दूर करें नवग्रहों की समस्या, जानें…
- क्यों भैरव के बिना अधूरी है मां दुर्गा की पूजा? जानें…
- #GORAKHPUR : बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के लड़के के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर
- #NAVRATRI : होगा धन लाभ, इस तरह करें मां दुर्गा की पूजा
दशहरा शस्त्र पूजा का मुहूर्त
दशहरा के दिन शस्त्र पूजा की जाती है। इस बार नवमी और दशमी एक ही दिन 25 अक्टूबर रविवार को है। ऐसे में विजयादशमी या दशहरा की शस्त्र पूजा रविवार को होगा। उस दिन का विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक है। ऐसे में आप शस्त्र पूजा आप विजय मुहूर्त में संपन्न कर लें।
यह भी खबरें पढें :
- जानें, कब है दिवाली, लक्ष्मी पूजा का चौघड़िया मुहूर्त और…
-
पत्रकार असिथ ताथ तिवारी को बिहार का #कांग्रेस प्रवक्ता बनाया गया
- कब मनाया जाएगा करवा चौथ? जानें व्रत एवं पूजा मुहूर्त