प्रदेश के लघु, मध्यम उद्योग (एमएसएमई) राज्य मंत्री चौधरी उदयभान सिंह ने कहा है कि विकास हमारी प्रतिबद्धता है। इतिहास, प्राकृतिक संपदा और कर्मठी लोगों की वजह से पूर्वांचल (Purvanchal) जाना जाता है। यहां कुटीर उद्योग व हस्तशिल्प की बेहद समृद्ध परंपरा रही है। हम एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) के जरिए बेहतर पूर्वांचल के लिए काम करते रहेंगे।
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उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का नया हॉटस्पॉट
वह शुक्रवार को यहा गोरखपुर विश्वविद्यालय में पूर्वांचल (Purvanchal) का समग्र और सतत विकास के बारे में आयोजित गोष्ठी को वर्चुअल रूप से बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के जरिये जो भी विशेषज्ञ जुड़े हैं, मैं चाहूंगा कि वह सब हमारे साथ बैठें ताकि हम मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुसार समृद्धतम पूर्वांचल का खाका तैयार कर उस पर अमल करें। वेबिनार के मुख्य वक्ता अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई नवनीत सहगल ने कहा कि पूर्वांचल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की अर्थव्यवस्था का नया हॉटस्पॉट बनेगा। इस बाबत यहां सारी संम्भावनाए हैं। मसलन दुनिया की सबसे उर्वर भूमि, प्रचुर पानी, आबादी के रूप में भरपूर मानव संसाधन एवं बाजार, हर जिले मे हस्तशिल्प की सम्पन्न परंपरा। अपनी इन्ही खूबियों के नाते पूर्वांचल का शुमार कभी देश के संपन्नतम इलाकों में होता था। तकनीक के साथ अपडेट न होने के नाते हमारे उत्पाद बाजार में प्रतिस्पर्धी नहीं रहे।
उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वांचल के लिए बेहतरीन अवसर भी…
उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वांचल (Purvanchal) के लिए बेहतरीन अवसर भी है। इसका लाभ उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CMYOGI) के मार्गदर्शन में एक बार फिर पूर्वांचल का पुराना गौरव लौटने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यहां खेतीबाड़ी, सर्विस सेक्टर और एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। जरूरत इनको समय के अनुसार तकनीक से अपडेट करने, उत्पाद की क्षमता एवं गुणवत्ता बढ़ाने, इसके लिए जरूरत के अनुसार वित्तीय सुविधा देने और बाजार उलब्ध कराने की है। सरकार कई (कौशल विकास, विश्वकर्मा श्रम सम्मान, कॉमन फैसिलिटी सेन्टर आदि) योजनाओं के जरिए ऐसा कर भी रही है। सहगल ने कहा कि दुनिया की सघनतम आबादी होने के नाते पूर्वांचल सबसे बड़ा बाजार भी है।
एफएमसीजी कंपनियां खर्च बचाने के लिए जहां बाजार हो और श्रम सस्ता हो, वहां निवेश करना चाहती हैं। शर्त यह है कि वहां इसका माहौल हो। बेहतर कानून व्यस्था के बाद सरकार का जोर बुनियादी सुविधाओं के विकास पर है। आने वाले वर्षों में बुंदेलखंड, पूर्वांचल और गंगा एक्सप्रेसवे, इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड जेवर एयरपोर्ट के अलावा, अयोध्या, कुशीनगर, सोनभद्र में भी एयरपोर्ट तैयार हो जाएंगे। इसके जरिए देश – दुनिया का बाजार पूर्वांचल की पहुँच में होगा। जल,जंगल और महापुरुषों (भगवान श्रीराम,बुद्ध,कबीर, गुरु गोरखनाथ ) की कर्मस्थली होने के नाते यहाँ हर तरह के पर्यटन की भी असीम संभावना है।
अर्थशास्त्री डॉ उमेश सिंह ने खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाओं, इससे पैदा होने वाले रोजगार और पोषण सुरक्षा के बारे में बताया। गैलेंट इस्पात के सीएमडी चंद्र प्रकाश अग्रवाल का सुझाव था कि सरकार क्षेत्र के अनुसार संभावनाओं को चिन्हित करे। जैसी इकाइयां लगनी हैं, उन्ही के अनुसार बुनियादी सुविधाएं विकसित करे। उन्होंने पराली और कचरा प्रबंधन का इकोनॉमी मॉडल तैयार करने की भी सलाह दी। उनके मुताबिक इससे ऊर्जा, कम्पोस्ट बनाया जा सकता है।
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