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#PresidentKovind: बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने से ईमानदार नागरिकों को उठाना पड़ता है बोझ
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#PresidentRamNathKovind ने आज कहा कि बैंक कर्ज को जानबूझ कर नहीं चुकाने और उसमें आपराधिक गड़बड़ी करने से ईमानदार करदाता प्रभावित होते हैं। बैंक क्षेत्र में फंसे कर्ज (एनपीए) में वृद्धि के बीच उन्होंने यह बात कही।
ईमानदार करदाताओं को बोझ उठाना पड़ता है
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए गए कर्ज जानबूझकर नहीं लौटानों वालों की संख्या दिसंबर 2017 में बढ़कर 9,063 हो गई जो क्षमता होने के बावजूद ऋण वापस नहीं कर रहे थे।
- इन मामलों में 1,10,050 करोड़ रुपए की राशि फंसी थी। ईमानदार नागरिकों को नुकसान होता है और अंतत: ईमानदार करदाताओं को बोझ उठाना पड़ता है।’’
- महिला उद्यमियों के मंच फिक्की महिला संगठन (एफएलओ) की यहां सालाना बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘कारोबार में वास्तव में विफलता हो सकती पर पर जब बैंक कर्ज को जानबूझकर नहीं लौटाया जाता और आपराधिक तरीके से चूक की जाती है, तो इससे हमारे देश के लोगों के परिवार प्रभावित होते हैं।
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