यूपी बोर्ड परीक्षा (UP board exam) को लेकर सोशल मीडिया (social media) पर वायरल हो रही एक फर्जी समय सारणी पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कहा कि इस संबंध में अभी तक कोई भी कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है। वायरल हो रही समय सारणी फर्जी है।
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दरअसल, परीक्षाओं को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग कई विकल्पों पर काम कर रहा है। विभाग के अधिकारी जल्द ही अपना प्रस्ताव सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। मई के अंतिम सप्ताह तक सरकार इस पर निर्णय ले सकती है।
बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि एक विकल्प यह है कि जुलाई के पहले सप्ताह से हाई स्कूल और इंटरमीडिएट दोनों की परीक्षा कराई जाए। एक विकल्प हाई स्कूल की परीक्षा रद्द कर इंटरमीडिएट की परीक्षा कराने का है। तीसरा विकल्प स्कूलों की ओर से भेजे गए आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के आधार पर बोर्ड परीक्षा के अंक देकर प्रमोट करने का है।
चौथा विकल्प है कि सीबीएसई की तर्ज पर पांच-पांच शिक्षकों की कमेटी गठित कर मूल्यांकन कराकर परिणाम जारी किया जाए। इंटर की परीक्षा को लेकर विभाग सीबीएसई के निर्णय का इंतजार कर रहा है। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का कहना है कि 20 मई के बाद बैठक कर मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार निर्णय लिया जाएगा।
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विभाग के सामने ये हैं चुनौतियां
कई जिलों में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से लेकर यूपी बोर्ड और शासन के अधिकारी कोरोना संक्रमित हैं। कुछ अधिकारी पोस्ट कोविड दिक्कतों से जूझ रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के बीच 56 लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कराना चुनौती है।