ARTI PANDEY
हैलट डॉक्टरों के विरोध के आगे नरम पड़ा प्रशासन
KANPUR: बीते रोज सीएम योगी (CM YOGI) के हैलेट दौरे और नाराजगी की बात सामने आई थी. इसके बाद कमिश्नर ने हैलट के कामकाज देखने के लिए ACM की नियुक्ति की थी, जिसपर गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM) के हैलट अस्पताल में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए जाने पर जूनियर डॉक्टर में रोष व्याप्त है। इसको लेकर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की बैठकों का दौर जारी रहा। मेडिकल कॉलेज में हुयी कुछ बैठकों कई एचओडी भी शामिल हुए हैं। कल रात से शुरू हुई मीटिंग का दौर अभी तक जारी रहने के बाद बीच का रास्ता निकाला गया। हैलट डॉक्टरों के विरोध के आगे जिला प्रशासन नरम पड़ा। अन्दरखाने की माने तो डॉक्टरों में रोष की जानकारी पर मंडलायुक्त ने कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरबी कमल को आवास कार्यालय बुलाकर विस्तार से चर्चा की। तय हुआ है कि मजिस्ट्रेट हर दिन सिर्फ रिपोर्ट प्रशासन को भेजेंगे ना कि बैठ कर निगरानी करेंगे।
जानें ज्येष्ठ माह में जल पूजा तथा इसका धार्मिक महत्व #BIHARNEWS : गैंगरेप के बाद महिला को नग्न कर पोल से लटकाया #KANPUR : लॉकडाउन में खा गए लाखों का नकली गुटका, क्राइम ब्राच ने चार को दबोचा जानें कब है वट सावित्री व्रत, पितृ दिवस, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी #HIGHCOURT : संदेह नहीं ले सकता ठोस साक्ष्य का स्थान #KANPUR : होटल में आपत्तिजनक हालत में मिले चार जोड़े
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के जिम्मे रिपोर्ट
हैलट के जूनियर डॉक्टर्स सेक्टर मजिस्ट्रेट की निगरानी को बर्दाश्त नहीं कर पाए। मेडिकल कॉलेज कैंपस में इस मामले पर कई मीटिंग की जा चुकी है। कल शाम ही मंडलायुक्त राजशेखर ने मरीजों को वापस किये जाने और डाक्टर व स्टाफ की ड्यूटी में लापरवाही के बाद मजिस्ट्रेट के देखरेख के इलाज के निर्देश दिए थे। जूनियर डाक्टर का मानना है, कि इससे मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल बन कर रह जायेगा। हैलट डॉक्टरों के विरोध के आगे जिला प्रशासन नरम पड़ा।
#CORONAVIRUS : सरकार ने जारी की नई एडवाइजरी #BREAKING : उत्तर प्रदेश में 31 मई तक बढ़ाया गया कोरोना कर्फ्यू #COVID-19 : राजस्थान के दो जिलों में 600 से अधिक बच्चे संक्रमित रूमेटाइड अर्थराइटिस : लाइफस्टाइल और डाइट में बदलावों से मुमकिन है बचाव #IMA ने बाबा रामदेव पर 1 हजार करोड़ रुपए का मानहानि का भेजा नोटिस
आज कमिश्नर भी हैलट पहुंचे। जहां उनकी सभी सीनियर डॉक्टर के साथ उनकी इस मसले पर बातचीत हुई। दोपहर बाद निर्णय निकला कि मजिस्ट्रेट हर दिन हैलट आएंगे। हर दिन रिपोर्ट सौंपने का काम मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया जाएगा। मजिस्ट्रेट किसी तरह से हैलट की चिकित्सा व्यवस्था में निगरानी का कोई कारण नहीं करेंगे और ना ही हस्तक्षेप होगा। अब तैनात मजिस्ट्रेट अपनी प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रशासन को भेजेंगे। हैलट में मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट तैयार करवाने की जिम्मेदारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के जिम्मे की गई है।