कौस्तुभ मिश्रा
जेल में बंद अभियुक्तों के लिए फर्जी जमानतदार और जमानत के कागज तैयार करने वाला बड़ा गैंग क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा है। कल्याणपुर थाना क्षेत्र में की गई बड़ी कारवाई में गैंग के पांच सदस्य दबोचे गये हैं। अभियुक्तों में से एक अधिवक्ता, दो मुंशी और दो फर्जी जमानतदार शामिल हैं। इनके पास से बड़ी मात्रा में जमानत के फर्जी कागजात, फोटो व अन्य प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं।
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ऐसे होती थी जालसाजी
अधिवक्ता और उसके साथी जेल में बंद उन अभियुक्तों के लिए जमानतदार तैयार करते थे जिनकी जमानत तो हो जाती थी लेकिन जमानतदार नहीं मिलते थे। यह स्थिति हार्डकोर क्रिमिनल के केस या फिर गैर जनपद या राज्य के बंदियों के सामने आती थी। दरअसल जमानत के लिए स्थायी जमानतदार होने का नियम है। ऐसे बंदियों के मामले में गैंग फर्जी जमानतदार और जमानत के फर्जी कागजात तैयार करता था।
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पकड़े गए अभियुक्त.
अभियुक्तों की पहचान ग्वालटोली निवासी एडवोकेट शील कुमार गुप्ता, रायपुरवा निवासी सचिन कुमार सोनकर और कल्याणपुर निवासी संतोष सिंह के रूप में हुई है। सचिन और संतोष मुंशी का काम करते हैं। साथ ही जनपद औरैया निवासी वृंदावन और सुरेन्द्र भी दबोचे गये हैं। वृंदावन और सुरेन्द्र यह दोनों अधिवक्ता के कहने पर फर्जी जमानतदार बनकर न्यायालय में उपस्थित होते थे।
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90 प्रतिशत तक फर्जी जमानतदार हाजिर हो रहे थे
पुलिस को न्यायालय से कई बार फर्जी जमानतदार होने का इनपुट मिल चुका था। यह इनपुट गैर जनपद और राज्यों के बंदियों के प्रकरण में अधिक था। उन्नाव और औरैया जनपदों के मामले में 90 प्रतिशत तक फर्जी जमानतदार हाजिर हो रहे थे। इस पर क्राइम ब्रांच लंबे समय से सक्रिय थी और गैंग को पकड़ने के लिए जाल बिछा रखा था। उसी में यह गैंग फंस गया। पूर्व में थाना कोतवाली में भी फर्जी जमानत करवाने वाले बिठूर के रहने वाले 61 लोगों को पुलिस जेल भेज चुकी है।
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यह हुई बरामदमगी
21 आधार कार्ड, 3 आरसी, 4 लिफाफे माननीय न्यायालय द्वारा निर्गत किये गये थे जमानत तस्दीक के लिए, 3 वोटर आईडी, 2 निवास प्रमाण पत्र, 165 फोटो, 6 सील मुहर, 12 लेटर पैड, 2 स्टांप, 7 जामीनदार प्रपत्र, एक हिस्ट्री टिकट। इनका इस्तेमाल करके फर्जी जमानतदार तैयार किये जा रहे थे।