क्या #ModiGovernment पूरी करेगी 19 साल पुरानी मांग
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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में जिस तरह 8 साल की बच्ची के साथ रेप और बाद में हत्या कर दी गई इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. इस घटना को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. जिस तरह 2012 में निर्भया मामले के बाद देशवासियों ने इस प्रकार के मामलों में फांसी की सजा की मांग की थी, एक बार फिर ये मांग उठ रही है.
पार्टी लाइन से इतर कई नेताओं ने भी 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने पर फांसी की सजा देने की बात कही है. इस मांग को राष्ट्रीय और राज्य स्तर के नेताओं ने अपनी आवाज बुलंद की है.
राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने उठाई आवाज़
- कठुआ मामले के बाद केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने पॉक्सो एक्ट में बदलाव की बात कही.
- उन्होंने कहा कि अभी इस एक्ट के तहत किसी बड़ी सज़ा का प्रावधान नहीं है लेकिन हमारी सरकार इस पर विचार कर रही है.
- मेनका गांधी की इस अपील के बाद हेमा मालिनी, अनुप्रिया पटेल समेत कई लोगों ने इस बात का सपोर्ट किया.
1998 से उठ रही है मांग
- रेप के मामलों में कड़ी सजा की मांग पिछले 19 सालों से चल रही है.
- उस दौरान तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने रेप के आरोपियों को फांसी देने की अपील की थी.
- उस दौरान उन्होंने कहा था कि इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार को साथ में विचार करना चाहिए.
- उस दौरान राम दास अठावले ने सुझाव दिया था कि POTA का उपयोग रेप आरोपियों के खिलाफ किया जाना चाहिए.
- गौरतलब है कि 2012 के निर्भया केस के बाद तत्कालीन यूपीए सरकार ने भी कहा था कि वो रेप के आरोपियों पर कड़ी सजा का प्रावधान करने की बात कही थी.