शरद पूर्णिमा (SharadPurnima) पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे सरल उपाय है महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना। शरद पूर्णिमा (SharadPurnima) की रात्रि में चंद्रोदय के बाद मां लक्ष्मी का विधि पूर्वक पूजन करें। उन्हें इस दिन सुगंधित इत्र, गुलाबी फूल और खीर जरूर अर्पित करना चाहिए। इसके साथ महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। आपके घर से दुख-दारिद्रय हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा और सुख-समृद्धि का वास होगा।
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मान्यता है कि इस दिन रात्रि काल में मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं। देखती हैं कि जिस घर में साफ-सफाई है और मां लक्ष्मी के मंत्रों, स्तोत्रों का जाप होता है, उस घर में वो प्रवेश करती हैं। मां लक्ष्मी के प्रवेश का अर्थ आपके घर से दुख-दारिद्रय का नाश और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस कारण ही शरद पूर्णिमा को कोजागिरी पूर्णिमा या जागृत पूर्णिमा भी कहते हैं। इस पूर्णिमा पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व है।
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महालक्ष्मी स्तोत्र
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।1।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।2।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।3।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।4।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।5।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।6।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।7।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।8।।
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शरद पूर्णिमा पर कैसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न, जानिए पूजन विधि और मंत्र
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।9।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।10।।
त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।11।।