RAHUL PANDEY
लखनऊ : यूपी में एक बार फिर पत्रकारों एवं नेताओं की जासूसी कराने का आरोप योगी सरकार (Yogi Sarkar) पर लगा है। खास बात यह है कि इस बार जासूसी में एसटीएफ को लगाने की बात सामने आई है। पत्रकार हेमंत तिवारी के इन आरोपों को अत्यंत गंभीर बताते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सवाल उठाया कि एसटीएफ संगठित अपराध रोकने के लिये है या पत्रकारों की जासूसी के लिये?
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सांसद संजय सिंंह (Sanjay Singh) ने पत्रकार (Journalist) संजय शर्मा के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। संजय शर्मा ने अपने ट्वीट में लिखा था कि पत्रकारों के नेता हेमंत तिवारी ने खुलासा किया है कि STF अपने नये उपकरणों से यूपी के मंत्रियों ,विधायकों और पत्रकारों की रिकार्डिंग करा रही है ! यह किसके ईशारे पर हो रहा है ! हाईकोर्ट के जज से इसकी जॉच कराना चहिये ! कौन किसके ख़िलाफ़ क्या साजिश कर रहा है पता होना ही चाहिए ! इसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए संजय सिंंह ने लिखा है कि ये अत्यंत गम्भीर आरोप है एसटीएफ संगठित अपराध रोकने के लिये है या पत्रकारों की जासूसी के लिये? आख़िर एसटीएफ के अधिकारी नियमों के विपरीत तीन साल से ज़्यादा कैसे एक स्थान पर रुके हुए हैं इनका ट्रांसफ़र क्यों नहीं हो रहा?
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