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#PM : नहीं चाहता इतिहास मोदी को याद करे
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#PMMODI ने लंदन में 18वीं एवं 19वीं सदी तक दुनिया पर राज करने वाली ब्रिटिश सत्ता के केन्द्र वेस्ट मिनिस्टर के सेंट्रल हॉल में भारत की बात सबके साथ कार्यक्रम में करीब ढाई घंटे से अधिक समय तक सवाल जवाब के माध्यम से भारत के शासक के रूप में अपने दृष्टिकोण को सबके सामने रखा। कार्यक्रम का संचालन मशहूर गीतकार एवं केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने किया।
भारतीय की तरह रखें याद
- उन्होंने कहा कि मुझे सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरह ही याद रखा जाए अन्य लोगों की तरह मुझे भी काम मिला है। मकसद है तो मेरा देश अजर अमर है।
- दुनिया याद करे तो मेरे देश को याद रखें। मेरा देश ही दुनिया को विश्व कल्याण का रास्ता दिखा सकता है।
- मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ईश्वर का रूप होती है।
- वह आदि शंकराचार्य के अद्वैत के सिद्धांत को मानते हैं जिसमें ईश्वर को तू ही तू के सिद्धांत पर मान कर जीते हैं। उन्होंने कहा कि जहां द्वय नहीं वहां द्वन्द्व नहीं होता।
- उन्होंने कहा कि सत्ता के प्रतिष्ठान में नरेंद्र मोदी में स्वयं को मिटा कर हटा कर रहते हैं।
- तभी देश के साथ न्याय होता है। बीज खप करके ही वटवृक्ष का निर्माण करता है।
इतिहास में किस रूप में जाने जाना पसंद करेंगे
- आने वाले वक्त में इतिहास में किस रूप में जाने जाना पसंद करेंगे, इस सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी को यह तक याद नहीं है कि वेद किसने लिखे हैं जो विश्व के सबसे पुराने ग्रंथ हैं।
- उन्होंने कहा कि अगर इतने बड़े रचयिता का नाम किसी को याद नहीं है, तो मोदी क्या है। इतनी-सी छोटी चीज है।
- इतिहास में अपनी जगह बनाने के लिए मोदी पैदा नहीं हुआ है।
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